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    भाजपा की सबसे सुरक्षित सीट जातीय समीकरणों में फंस गई

    नारनौल, 14 सितम्बर (हरियाणा न्यूज़)

    प्रदेश में चुनाव की घोषणा होने तक हरियाणा में बीजेपी के लिए सबसे सुरक्षित सीट नांगल चौधरी की मानी जा रही थी। हर आदमी कहता था 'डॉ अभय सिंह तो जीतेगा, भाई काम बोलता है।' लेकिन आज के दिन स्थिति यह है कि महेंद्रगढ़ जिले की चार में से
    बीजेपी की सबसे अधिक फंसी हुई कोई सीट है तो वो नांगल चौधरी है। 
     
    डॉ अभय सिंह यादव ने प्रबंधन में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी| नारनौल और अटेली में भाजपा के नेता बागी होकर चुनाव में कूद गए हैं, लेकिन डॉ यादव ने भाजपा में तो किसी को बागी होने ही नहीं दिया, कांग्रेस के भी जो नेता निर्दलीय लड़कर बीजेपी को नुकसान कर सकते थे उन्हें भी मैनेज कर लिया। मगर कांग्रेस की टिकट चौ. फूसाराम की पुत्रवधू और पूर्व विधायक मूलाराम की पत्नी मंजू चौधरी को मिलने से गुर्जर संगठित हो गए और किसी भी दूसरे गुर्जर को फॉर्म नहीं भरने दिया। कथित तौर पर बीजेपी प्रत्याशी ने कुछ गुर्जर लोगों को वोट काटने के उदेश्य से चुनाव लड़ने के लिए तैयार भी किया था, लेकिन वे या तो खुद पीछे हट गए या गुर्जर सरदारों ने उन्हें रोक लिया। इसके बाद समीकरण बदल गए हैं| अब यहाँ भाजपा के डॉ अभय सिंह यादव और कांग्रेस की मंजू चौधरी में सीधा मुकाबला होगा| 


    गुर्जरों के मंजू चौधरी के पीछे लामबद्ध हो जाने के बाद अब अहीर भी ऐसा ही प्रयास डॉ अभय सिंह के पीछे जोड़ने का कर रहे हैं| किन्तु डॉ अभय सिंह और राव इन्द्रजीत के बीच चल रही खींचतान इसमें आड़े आ रही है| राव इन्द्रजीत समर्थक अभी भी डॉ के साथ जाने को तैयार नहीं हैं| अहीर वोटों में विभाजन भाजपा की राह मुश्किल कर सकता है| 
     
    विकास की अपेक्षा इस बार यहाँ जातीय समीकरण अधिक महत्त्वपूर्ण हो गए हैं| अनुमानित आंकड़ों के अनुसार यहाँ अहीरों के लगभग 44 हजार वोट हैं, जबकि गुर्जर वोटरों की संख्या 36 हजार के करीब है| कांग्रेस को उम्मीद है कि इस बार उसे अनुसूचित जाति के वोट भी मिलेंगे जिनकी संख्या 25 हजार के करीब बताई जा रही है| दूसरी तरह यहाँ सैनी मतदाता अच्छी संख्या में हैं, जिनके नायब सैनी के मुख्यमत्री बनने के कारण भाजपा के साथ जाने की पूरी सम्भावना है|
     
    जाट वोट भी यहाँ 24 हजार के करीब हैं, जो निर्णायक साबित हो सकते हैं| जाट वोटर अक्सर उम्मीदवार की जगह मुख्यमंत्री पद के दावेदार या बड़े जाट नेता को देखकर वोटिंग करते हैं और इस समय प्रदेश में सबसे बड़ा जाट नेता भूपेंद्र हुड्डा को माना जा रहा है, इसलिए कांग्रेस को उम्मीद है कि जाट वोट उसे मिलेंगे| 
     
    ऊंट किस करवट बैठेगा यह तो आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन यह तय है कि नांगल चौधरी आज के दिन भाजपा की सबसे सुरक्षित सीट नहीं रह गई है| यहाँ जीत के लिए भाजपा और डॉ अभय सिंह को पसीना बहाना पड़ेगा|

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