नारनौल, 04 दिसम्बर (हरियाणा न्यूज़ ब्यूरो)
अब 10वीं पास युवा भी डिप्लोमा करने के बाद
बीज, खाद व दवाई बेचने संबंधित लाइसेंस ले सकेंगे। हरियाणा एग्रीकल्चर
मैनेजमेंट एक्सटेंशन ट्रेनिंग इस्टीट्यूट (हमेटी) द्वारा 10वीं पास युवाओं
को डिप्लोमा इन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन सर्विसेज फार इनपुट डीलर (डेसी) कराया
जाएगा। 48 सप्ताह का प्रशिक्षण करने के बाद डिप्लोमा देगा। इसको लेकर
सप्ताह में एक दिन क्लास लगेगी। इस डिप्लोमा के आधार पर भारत के किसी भी
राज्य में बीज, खाद व दवाई बेचने का लाइसेंस प्राप्त कर सकेंगे।
कृषि
एवं किसान कल्याण विभाग के उप कृषि निदेशक, डा0 देवेन्द्र सिंह ने बताया कि
डिप्लोमा के बाद लाइसेंस उनके द्वारा ही दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि 10
दिसंबर तक के नाम पर डिप्लोमा की फीस 20 हजार रूपये जमा करवानी होगी।
उन्होंने बताया कि अब तक केवल उन्हीं व्यक्तियों का डिप्लोमा कराया जाता
था, जो लोग पहले ही उक्त व्यवसाय को करते आ रहे हैं और उनके पास लाइसेंस
है। पहले खाद, बीज दवाई की डीलर के लाइसेंस के लिए डिप्लोमा की कोई शर्त
नहीं थी। लेकिन भारत सरकार ने खाद, बीज व दवाई के डीलर्स के लिए ये
डिप्लोमा अनिवार्य किया है।
बिना डिप्लोमा नहीं बनेंगे लाइसेंस: डीडीए डा. देवेन्द्र सिंह
डीडीए
डा. देवेन्द्र सिंह ने बताया कि डिप्लोमा के बिना लाइसेंस नहीं बनेगा।
इसके लिए इन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन सर्विस फार इनपुट डीलर डिप्लोमा जरूर
करना होगा। इसके बाद ही नए व पुराने लाइसेंस रिन्यू हो पाएंगे। उन्होंने
कहा कि कोर्स करने के बाद विक्रेताओं को खाद, बीज व कीटनाशक दवाइयों की
बेहतर जानकारी होगी। इससे वो किसानों को सही जानकारी दे सकेंगे। बाजार में
नकली खाद-बीज की समस्या से काफी हद तक छुटकारा मिलेगा। उन्होंने बताया कि
किसान अपने खेत के लिए बीज, उर्वरक और कीटनाशक दुकान से खरीदता है। ऐसे में
जरूरी है कि इस संबंध में उन्हें बुनियादी ज्ञान हो। उन्होंने बताया कि इस
कार्स के लिए पंजीकरण फार्म व अन्य प्रक्रिया के संबंध में दूरभाष नंबर
8053351775 पर फोन कर जानकारी ले सकते हैं।