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    करनाल में 12 दिसम्बर की पेंशन बहाली ललकार रैली में रोडवेज कर्मचारी भाग लेंगे

    नारनौल, 09 दिसम्बर (हरियाणा न्यूज़ ब्यूरो)
    रोडवेज कर्मचारी यूनियन हरियाणा के राज्य प्रधान ओमप्रकाश ग्रेवाल, राज्य महासचिव जयबीर घणघस व नारनौल डिपो प्रधान अनिल भीलवाड़ा ने जारी प्रेस ब्यान में बताया कि पुरानी पेंशन बहाली के लिए होने वाली हरियाणा कर्मचारी महासंघ की ललकार रैली में रोडवेज कर्मचारी भाग लेंगे। आगे बताया कि सांसदों, मंत्रियों, विधायकों को पुरानी पेंशन योजना के तहत 80 हजार रुपये से लेकर चार लाख रुपये तक प्रति माह पेंशन ले रहे हैं। दूसरी ओर सरकारी कर्मचारियों को सरकार नई पेंशन योजना के तहत नाम मात्र 1200 से 3000 हजार रुपये पेंशन दे रही हैं। कर्मचारियों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ हरियाणा कर्मचारी महासंघ के बैनर तले 12 दिसम्बर को होने वाली ललकार रैली में सरकार से जवाब मांगा जाएगा और पूछा जाएगा कि कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना से पेंशन देने से अगर देश की आर्थिक स्थिति खराब होती हैं तो सांसदों व विधायकों को लाखों रुपये प्रति माह पुरानी पेंशन योजना में पेंशन देने से क्या देश का विकास हो रहा है। अगर नई पेंशन योजना इतनी अच्छी हैं तो राजनेता अपने ऊपर क्यों नहीं लागू करते। 
    प्रदेश भर के सभी विभाग के कर्मचारी सरकार की नीतियों व योजनाओं को आम जनता तक बिना अपनी जान की परवाह किए कोरोना जैसी महामारी में भी पहुंचाने का कार्य पूरी निष्ठा से करता हैं। फिर भी सरकार कर्मचारियों को पेंशन नहीं दें रही हैं। कर्मचारियों से साथ बहुत अन्याय कर रही हैं। प्रदेश का कर्मचारी अब इस अन्याय को सहन नहीं करेगा। सरकार को सीधे शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि अगर प्रदेश सरकार कर्मचारियों की पुरानी पेंशन नीति बहाल नहीं करेगी तो प्रदेश का कर्मचारी 2024 में सत्तासीन भाजपा व जेजेपी सरकार को सत्ता से हटाने का काम करेगा। सरकार विधानसभा विशेष सत्र बुला करके अपनी विधायकी शक्तियों का प्रयोग करके पुरानी पेंशन नीति बहाल करें। सरकार हरियाणा कौशल रोजगार विभाग को तुरन्त भंग करें, क्योंकि इसके तहत लगें कर्मचारियों का शैक्षणिक योग्यता अनुसार बहुत कम वेतन देकर कर्मचारियों का शोषण किया जा रहा है। कर्मचारियों का भविष्य में पक्के होने का कोई प्रावधान भी नहीं हैं। शर्तों पर आधारित एक्सग्रेसिया स्किम को वापिस लिया जाए और 1995 की पुरानी एक्सग्रेसिया नीति पुन: लागू की जाए। सभी प्रकार की बीमारियों के लिए मेडिकल कैशलेस सुविधा पूर्ण रूप से लागू की जाए। जिससे कर्मचारियों को विभागों में बार बार आने जाने की परेशानी से बचाया सके। सभी विभागों में निजीकरण पर पूर्ण रोक लगाई जाए। सभी विभागों में लाखों खाली पड़े पदों पर पक्की भर्ती की जाए।

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