स्थानीय सैनी सभा द्वारा संचालित सैनी वरिष्ठ
माध्यमिक विद्यालय रेवाड़ी रोड मेंमंगलवार को महान समाज सुधारक,
क्रांतिसूर्य, किसानो के मसीहा, शिक्षा के अग्रदूत महात्मा ज्योतिबा फुले
की 133वीं पुण्यतिथि मनाई गयी।
सर्वप्रथम सभा प्रधान एवं समस्त पदाधिकारी
एवं समाज के गणमान्य व्यक्तियों, विद्यालय स्टाफ ने ज्योतिबा फुले के
चित्र पर पुष्प अर्पित कर उनको नमन किया। सैनी
सभा के प्रधान बिशन सैनी ने बताया कि महात्मा गांधी के प्रेरणास्रोत,
दलितों व पिछड़ों के हिमायती, लेखक और महान विचारक ज्योतिबा फुले का जन्म
11 अप्रेल, 1827 को गांव खाण्वादी पुणे महाराष्ट्र में हुआ तथा 28 नवम्बर,
1890 को स्ट्रोक के कारण निधन हो गया। ज्योतिबा फुले की मृत्यु सामाजिक
सुधार आंदोलन के लिए एक बड़ी क्षति थी| उन्होंने कहा कि उनकी विरासत सामाजिक न्याय और
समानता के लिए प्रयासरत कार्यकर्ताओं की पीढिय़ों को हमेशा प्रेरित करती
रहेगी। इस महान समाजसेवी ने अछूतोद्धार के लिए सत्यशोधक समाज की स्थापना
की। उनका यह भाव देखकर 1888 में उन्हें महात्मा की उपाधि दी गई थी। देश
से छुआछूत खत्म करने और समाज को सशक्त बनाने में ज्योतिराव फुले का किरदार
अहम रहा है।
उन्होंने बताया कि महात्मा ज्योतिबा फुले स्त्रियों की
शिक्षा को लेकर विशेष योगदान दिया, ऐसे में ज्योतिबा फुले ने समाज को इन
कुरीतियों से मुक्त करने के लिए बड़े पैमाने पर आंदोलन चलाए। उन्होंने
महाराष्ट्र में सर्वप्रथम महिला शिक्षा तथा अछूतोद्धार का कार्य आरंभ किया
था। उन्होंने पुणे में लड़कियों के लिए भारत की पहला विद्यालय खोला।
लड़कियों और दलितों के लिए पहली पाठशाला खोलने का श्रेय ज्योतिबा को जाता है। इस मौके पर सैनी सभा के उप-प्रधान रोहतास सैनी, सचिव भारत सैनी,
कोषाध्यक्ष बलवंत सैनी कार्यकारिणी सदस्य बिशंबर दयाल सैनी, कैप्टन हरीश
सैनी, डॉ राजकुमार सैनी, मदनलाल सैनी, विजय सैनी, सूबे सैनी, रामनरेश सैनी,
विजय सैनी, अरुण सैनी, स्कूल प्रशासक प्रेमचंद सैनी, प्राचार्य मानसिंह,
रामजी लाल सैनी, बालकिशन सैनी, संजय सैनी, गौतम सैनी, विरेंद्र सैनी,
मास्टर हुकम सैनी, मैडम वीनू आदि अनेक समाज के गणमान्य व्यक्ति एवं
विद्यालय स्टाफ मौजूद था।