• Breaking News

    बाजरे की खरीद शुरू करवाने व मुआवजे की मांग को लेकर दिया धरना

    नारनौल, 11 सितम्बर (हरियाणा न्यूज़ ब्यूरो)
    किसान संगठन एआईकेकेएमएस के बैनर तले एमएसपी पर तत्काल बाजरा खरीद शुरू करने व फसल खराबे का मुआवजा पचास हजार रुपये प्रति एकड़ देने की मांग को लेकर आज नई अनाज मण्डी में मार्केट कमेटी कार्यालय के समक्ष एक दिवसीय धरना जिला प्रधान कामरेड बलबीर सिंह की अध्यक्षता में दिया गया। धरनास्थल पर सभा का आयोजन किया। जिसका संचालन जिला सचिव डा. व्रतपाल सिंह ने किया। सभा पश्चात मार्केट कमेटी के सचिव के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा।
    सभा को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि बाजरा इस इलाके की मुख्य फसल है, जिसकी अगेती बुआई होने के कारण बाजरा की फसल की कटाई व कढ़ाई पहले ही हो गई और पिछले 10 दिनों से नारनौल मण्डी में लगभग 2 हजार क्विंटल बाजरा की फसल बिक्री के लिए आ चुकी है।
    एमएसपी पर बाजरा खरीद नहीं होने के कारण किसानों को औने-पौने दामों में बाजरा बेचना पड़ रहा है। जिससे एक किसान को 700 रूपए प्रति क्विंटल और करोड़ों का नुकसान जिले भर के किसानों को उठाना पड़ रहा है।
    एमएसपी पर किसानों का एक एक दाना खरीद का दावा भाजपा जजपा गठबंधन की हरियाणा सरकार का खोखला साबित हुआ है। सरकार ने अपनी ही बनाई गई भांवन्तर योजना से भी हाथ पीछे खींच लिए हैं। हांलांकि भांवन्तर योजना किसानों के लिए एक छलावा व धोखा ही साबित हुई है। भांवन्तर योजना की आड़ में सरकार एमएसपी से मुकर रही है, जो किसान हित में नहीं है। वक्ताओं ने कहा कि अगेती फसल के कारण बाजरा पहले मण्डी में आ गया तो सरकार 1 अक्टूबर की लक्ष्मण रेखा पर क्यों अडी़ है।
    वक्ताओं ने कहा कि खरीफ फसल बाजरा में पहले जड़ों में सूखा रोग लगने, फिर सिटे् में बहुभक्षी कीड़े लगने तथा आखिर में सूखे से किसानों को 70 प्रतिशत से अधिक नुकसान हो चुका है, लेकिन अफसोस की बात है कि किसानों को मुआवजा से वंचित रखने के लिए राजस्व विभाग ने 24 प्रतिशत ही नुकसान दर्शाया है, जबकि क़ृषि विभाग अटेली, नारनौल व नांगल चौधरी सहित जिला के ब्लाक में नर भक्षी कीड़े व सूखा प्रभावित क्षेत्रों में 50 से 70 प्रतिशत नुकसान को स्वीकार कर रहे हैं। इस प्रकार राजस्व विभाग के 24 प्रतिशत तक नुकसान का कोई मुआवजा का कोई प्रावधान नहीं होने के कारण इलाके के किसानों को मुआवजा से वंचित रखने का काम किया है, जिससे किसानों में भारी रोष एवं आक्रोश है।
    वक्ताओं ने कृषि विभाग की रिपोर्ट को फसल खराबे का आधार मानकर मुआवजा देने की मांग की। बाजरा की फसल आखिर में सूखे की चपेट में आने से किसानों को भारी नुक्सान हुआ है, जिसकी सरकार सरासर अनदेखी कर किसानों से नाइन्साफी कर किसानों को उजाडऩे का काम कर रही है। सरकार ने यदि जल्द ही एमएसपी पर बाजरा खरीद शुरू नहीं की और फ़सल खराबे का प्रति एकड़ 50000 मुआवजा नहीं दिया गया तो जिला भर की अनाज मंडियों में धरना प्रदर्शन कर सरकार को ज्ञापन सौंपे जाएंगे।
    जिला भर में किसानों को अपनी फसल का लागत का डेढ़ गुना दाम देने, एमएसपी पर खरीद करने, फसल खराबे का मुआवजा देने, बिजली बिल -2022 रद्द करने सहित किसान हितैषी मांगों को लेकर किसानों को लामबंद किया जाएगा। सभा को एआईकेकेएमएस के जिला प्रधान बलबीर सिंह, जिला सचिव डॉ व्रतपाल सिंह, अभय सिंह, याद राम कोरियावास, महावीर यादव चन्दपुरा, सीताराम, मास्टर सुबे सिंह, छाजूराम रावत, राजेन्द्र प्रसाद खरब ने सम्बोधित किया। धरने में किसान कार्यकर्ताओं सहित ओमप्रकाश, शेर सिंह गणियार, ईश्वर सिंह, श्रीराम, हंस राज, भीमसेन, संजय यादव सहित अनेक किसानों ने भाग लिया।

    Local News

    State News

    Education and Jobs