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    नाबालिग के अपहरण व दुष्कर्म मामले में आरोपी को अंतिम सांस तक जेल

    नारनौल, 25 सितम्बर (हरियाणा न्यूज़ ब्यूरो)
    नाबालिग का अपहरण करने और उसके साथ दुष्कर्म करने के मामले में आज अमनदीप दीवान स्पेशल कोर्ट/ अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट, पॉक्सो नारनौल की कोर्ट ने दो आरोपियों सतीश व अंकित को दोषी करार देते हुए कठोर कारावास की सजा सुनाई है और जुर्माना लगाया है।
    न्यायालय ने दोषी सतीश को धारा 120-बी आईपीसी के तहत 10 वर्ष, धारा 363 आईपीसी के तहत 7 वर्ष, धारा 366ए आईपीसी के तहत 10 वर्ष और धारा 4 पॉक्सो एक्ट के तहत अंतिम सांस तक कठोर कारावास की सजा व 1 लाख 30 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई है।
    न्यायालय ने दोषी अंकित को धारा 120बी आईपीसी के तहत 10 वर्ष, धारा 363 आईपीसी के तहत 7 वर्ष, धारा 366ए आईपीसी के तहत 10 वर्ष और धारा 216 आईपीसी के तहत 3 वर्ष कठोर कारावास की सजा व 1 लाख 30 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई है।
    उल्लेखनीय है कि 07 सितंबर 2019 को नाबालिग के परिजन के ब्यान पर थाना कनीना में मामला दर्ज किया गया था। जिसमें आरोपी सतीश के द्वारा नाबालिग को बहला फुसलाकर अपने साथ ले जाने के आरोप थे। इस संबंध में थाना कनीना ने अविलंब अभियोग संख्या 284/2019 आईपीसी की धाराओं के तहत पंजीबद्ध किया था। नाबालिग को बरामद कर न्यायालय में उसके ब्यान करवाए गए, जिसमें उसके साथ दुष्कर्म करने के आरोप थे। मामले की जांच में पॉक्सो एक्ट की धारा जोड़ी गई थी। मामले की जांच में आरोपी अंकित की मामले में संलिप्ता पाई गई। मामले की सुनवाई अमन दीप दीवान स्पेशल कोर्ट/अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट, पॉक्सो नारनौल की कोर्ट में हुई। न्यायालय में सुनवाई के दौरान उप जिला न्यायवादी भारत भूषण दहिया ने मामले में अभियोजन के पक्ष में प्रभावशाली पैरवी करते हुए न्यायाधीश के सम्मुख दलीलें पेश करते हुए आरोपी को सजा दिलाने में भूमिका निभाई। सुनवाई के दौरान न्यायालय ने मामले को बहुत ही संगीन माना और जांच इकाई की उत्कृष्ट पैरवी एवं प्रॉसीक्यूशन द्वारा पेश की गई मजबूत दलीलों से दोषियों की सजा में कोई नरमी नहीं बरती।

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