नारनौल, 19 सितम्बर (हरियाणा न्यूज़ ब्यूरो)
इन दिनों एक नया साइबर फ्रॉड सामने आया है। यह स्कैम परिवहन विभाग के ई-चालान से जुड़ा हुआ है। इसमें साइबर ठग फोन पर ई-चालान के टैक्स्ट मैसेज के जरिए लोगों को परिवहन विभाग का लिंक भेज कर स्कैम को अंजाम दें रहे हैं। पुलिस ने इस स्कैम के बारे में आमजन को जागरूक करने के लिए सावधानी अलर्ट जारी किया है। पुलिस ने आमजन को जागरूक करने हेतु एडवाइजरी जारी करते हुए बताया कि फर्जी ई-चालान मैसेज के झांसे में न आएं।
क्या है ई-चालान ठगी:
ई-चालान स्कैम को अंजाम देने के लिए ठग आपके फोन पर एक ई-चालान का मैसेज भेजता है, जो परिवहन विभाग की ओरिजिनल वेबसाइट की तरह ही दिखता है। मैसेज में एक पेमेंट का लिंक होता है। जैसे ही आप इस लिंक पर क्लिक करते हैं, साइबर ठग आपके डेबिट/क्रेडिट कार्ड सहित बैंक संबंधित अन्य कई सीक्रेट जानकारी स्कैन कर लेते हैं।
कैसे बचें ई-चालान स्कैम से:
ई-चालान स्कैम में आपके फोन पर जो टैक्स्ट मैसेज आता है, उसमें दिया गया लिंक परिवहन विभाग की तरह ही दिखता है, लेकिन होता नहीं है। पुलिस ने बताया कि जालसाज लिंक शेयर करते हैं, जबकि परिवहन विभाग की वेबसाइट की लिंक है। यहां ध्यान देने वाली बात है कि सरकार की ओर से जारी लिंक के आखिर में जीओवी डाट इन होता है। इसलिए इनको पहचानने में कोई गलती नहीं करनी चाहिए।
मोबाइल नंबर से नहीं आता ई-चालान का अलर्ट:
पुलिस ने बताया कि अगर आपका चालान कटा है तो इसका अलर्ट किसी मोबाइल नंबर से नहीं आता है। इसके अलावा यह भी जरूरी है कि किसी भी लिंक पर जल्दबाजी में क्लिक ना करें और जल्दबाजी में पेमेंट ना करें। इस तरह के लिंक पर क्लिक करने से पहले व्हीकल ऑनर सभी डिटेल की जांच खुद करें। सही मैसेज में आपके व्हीकल की डिटेल जैसे इंजन नंबर, चेसिस नंबर दिया होता है, जबकि स्कैमर के मैसेज में इस तरह की डिटेल नहीं होती है। इसके अलावा आप विभाग की वेबसाइट पर जाकर यह चेक कर सकते हैं कि आपका चालान कटा है या नहीं।
फ्राड का शिकार हो जाने पर क्या करें:
पुलिस ने बताया कि अगर आप साइबर अपराध का शिकार हो जाते हैं, तो बिना समय गंवाए साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल कर फ्रॉड की जानकारी दें और नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर तुरंत शिकायत दर्ज कराएं। इसके अलावा अपने बैंक और नजदीकी पुलिस स्टेशन में फ्राड होने की शिकायत दर्ज कराएं।