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    जिले में 513 लोगों की जांच, 11 डेंगू पॉजिटिव मिले, सतर्कता बरतें

    डेंगू वार्ड 
    नारनौल, 04 सितम्बर (हरियाणा न्यूज़ ब्यूरो)
    जिले में डेंगू बुखार ने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। पहला केस 24 अगस्त को आने के बाद अब तक एक हफ्ते में 11 केस डेंगू पॉजिटिव आ चुके हैं। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की सिरदर्दी बढ़ गई है तथा फील्ड स्टॉफ ने जांच-परख के कार्य की गति तेज कर दी है। डेंगू रोगियों के उपचार के लिए नागरिक अस्पताल में छह बैड का स्पेशल वार्ड भी बनाया गया है, लेकिन उसमें अब तक किसी मरीज को भर्ती नहीं किया गया है। जो भी मरीज मिले हैं, उन्हें घर पर रहकर उपचार प्रदान किया जा रहा है तथा चिकित्सकीय स्टॉफ उनकी निगरानी कर रहा है। हालांकि जिले में अटेली मंडी के रहने वाले हिमांशु गोयल नामक एक युवक की डेंगू बुखार से मौत हो चुकी है, लेकिन उसे यहां का स्वास्थ्य विभाग इस जिले के खाते में दर्ज नहीं कर रहा, क्योंकि हिमांशु गोयल को जब डेंगू हुआ, तब वह दिल्ली में रहकर सीए का कार्य करता था और उपचार भी गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल से लिया था, लेकिन बच नहीं सका था।
    बता दें कि जिले में पिछले वर्ष 2022 में डेंगू संक्रमण के 72 केस मिल थे। अबकी बार इसकी शुरूआत 24 अगस्त से हुई। उस रोज डेंगू के पांच केस पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई। तीन दिन मामला शांत रहने के बाद 28 अगस्त को तीन तथा तीन दिन पश्चात 31 अगस्त को भी डेंगू के तीन केस जिले में पॉजिटिव पाए गए। इस प्रकार अब तक जिले में कुल 11 केस डेंगू पॉजिटिव आ चुके हैं। नारनौल शहर में दो बड़ा बाग में, एक डोहर खुर्द में, एक सलीमपुर में, एक कारोता में, एक खटोटी खुर्द में, दो सिहमा में, एक नियामतपुर में, एक धौलेड़ा गांव में डेंगू पॉजिटिव केस मिल चुका है। मानसून सीजन के पश्चात बदलते मौसम में डेंगू के फैलने से लोग सहमे हुए हैं और बचाव के लिए बुखार रोगियों की रक्त पट्टिकाएं तैयार की जा रही हैं। स्वास्थ्य विभाग के बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर पानी की टंकियों एवं अन्य साधनों में भरे पानी में लारवा चैक कर रहे हैं। डेंगू, मलेरिया एवं चिकनगुनिया का मच्छर स्वच्छ पानी में ही पैदा होता है तथा अक्सर दिन खासकर भोर के समय व्यक्ति को काटता है। संक्रमित व्यक्ति को काटने उपरांत यदि कोई मच्छर स्वस्थ्य व्यक्ति को काटता है तो भी डेंगू, मलेरिया एवं चिकनगुनिया फैलने का खतरा बना रहता है।
    यदि डेंगू, मलेरिया या चिकनगुनिया का कोई पॉजिटिव केस मिलता है तो वहां संबंधित पालिका अथवा ग्राम पंचायत ही फोगिंग करवाएगी। शहर में नगर परिषद व नगर पालिकाएं तथा गांवों के लिए बीडीपीओ को फोगिंग के लिए जिम्मेदारी सौंपी गई है। जहां-जहां डेंगू पॉजिटिव केस मिले हैं, वहां फोगिंग करवाने के लिए संबंधित पालिका अथवा बीडीपीओ को पत्र लिखा गया है। यदि कोई पंचायत या पालिका फोगिंग करवाना चाहती है तो उसे अपने स्तर पर पेट्रोल-डीजल आदि की व्यवस्था करनी होगी, जबकि स्वास्थ्य विभाग उन्हें आवश्यक दवा उपलब्ध करवाएगा।
    152 टीमें कर रही डोर टू डोर जांच:
    स्वास्थ्य विभाग के निरीक्षक राकेश शर्मा ने बताया कि जिले में स्वास्थ्य विभाग की 152 टीमें घर-घर जाकर लारवा चैक कर रही हैं। करीब दो लाख घरों को अब तक चैक किया जा चुका है और जिन घरों में मच्छर का लारवा मिला, उन 882 घरों को नोटिस जारी किए गए हैं। जिले में मलेरिया के 89869 तथा डेंगू के 513 संदिग्धों के सैंपल लिए गए हैं, जिनमें से 11 केस पॉजिटिव पाए गए हैं। उन्होंने बताया कि मच्छरजनित रोगों से बचाव के लिए लोगों को पूरी बाजू के कपड़े पहनने चाहिए तथा अपने यहां लंबे समय तक एक ही जगह पानी नहीं भरने देना चाहिए। सप्ताह में एक दिन ड्राई डे जरूर मनाना चाहिए। जहां जल-भराव हो, वहां मक्खी-मच्छरों को भगाने के लिए दवा अथवा पैट्रोल-डीजल या काला तेल का छिडक़ाव करना चाहिए।
    सतर्कता बरतनी जरूरी:
    डेंगू के इंचार्ज डा. रामनिवास ने बताया कि जिले में इस बार 11 डेंगू पॉजिटिव केस मिल चुके हैं। इसको व्यापक स्तर पर फैलने से रोकने के लिए सभी लोगों को सावधानियां एवं सतर्क बरतनी चाहिए। जन सहभागिता के जरिए ही काबू पाया जा सकता है। यदि किसी को डेंगू हो जाए तो उसे घबराने की आवश्यकता नहीं है। अस्पताल में पूरा इलाज उपलब्ध है तथा प्रशिक्षित चिकित्सक से इलाज लेना चाहिए।

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