हरियाणा के बिजली मंत्री चौधरी रणजीत सिंह ने कहा कि बिजली अधिकारी बिजली के पोल का स्टीमेट पहले से ही सही बनाएं। अगर स्टीमेट 3 गुना से ज्यादा बन गया है तो वह बिल ठीक नहीं है उसे जारी ही ना करें। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कई मामले संज्ञान में आए हैं जिससे किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। पहले बिल बनकर जाता है अगर बिल बड़ा बन जाता था तो उसका फैसला हिसार में होता था। अब हमने इसे सर्किल डिजिट पर कर दिया है। पहले एसई करेंगे उसके बाद एसडीओ करेंगे।
ऊर्जा मंत्री आज पंचायत भवन में जिला लोक संपर्क एवं जन परिवेदना समिति की मासिक बैठक के बाद पत्रकारों के साथ बातचीत कर रहे थे। पत्रकारों द्वारा बिजली चोरी सिंगल डिजिट में आने के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अब हमारा लाइन लॉस 9.25 है जो पहले 31 प्रतिशत था। एक फीसदी लाइन लॉस घटने पर निगम को लगभग 300 करोड रुपए का फायदा होता है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में बिजली के लिए चार कंपनियां काम कर रही हैं जो देश में एक नंबर पर है। हम गुजरात से भी आगे हैं।
इससे पहले ऊर्जा एवं जेल मंत्री ने जिला लोक संपर्क एवं जन परिवेदना समिति की मासिक बैठक में 15 मामलों की सुनवाई की। इनमें से 11 मामलों का मौके पर ही निपटारा किया गया। फर्म देवकीनंदन एंड संस का लाइसेंस मार्केट कमेटी से संबंधित मामले की सुनवाई करते हुए एसडीएम को इसकी जांच कर रिपोर्ट उपायुक्त को सौंपने के निर्देश दिए। अगर जांच में मार्केट कमेटी सचिव दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ चार्जशीट या सस्पेंड की आवश्यक कार्यवाही की जाएगी। इनके अलावा भी कई मामलों की सुनवाई की गई। इस अवसर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ओमप्रकाश यादव, अटेली विधायक सीताराम यादव, उपायुक्त मोनिका गुप्ता, पुलिस अधीक्षक विक्रांत भूषण, जिला परिषद के चेयरमैन डॉ राकेश कुमार, नगर परिषद की चेयरपर्सन कमलेश सैनी, बीजेपी के जिला अध्यक्ष दयाराम यादव के अलावा जंपरिवेदना समिति के अन्य सदस्य मौजूद थे।