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    विधानसभा घेरने जा रही आशा वर्कर्स की गिरफ्तारी के विरोध में किया प्रदर्शन

    नारनौल, 29 अगस्त (हरियाणा न्यूज़ ब्यूरो)
    विधानसभा पर प्रदर्शन करने जा रही आशा वर्कर्स की गिरफ्तारी के विरोध में आशा वर्कर्स ने दमन विरोधी दिवस मनाया। इस मौके पर आशा वर्करों ने लघु सचिवालय के पार्क से महेंद्रगढ़ रोड होते हुए महावीर चौक तक प्रदर्शन किया। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज की शवयात्रा निकाली इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री का पुतला जलाया। इस मौके पर आयोजित धरने की अध्यक्षता आशा खातोली ने की व संचालन संतोष जाखनी ने किया।
    सीआईटीयू के जिला सचिव कोमरेड रोहतास गोठवाल ने संबोधित करते हुए बताया कि हरियाणा की आशा वर्कर्स अपनी मांगों ओर समस्याओं को लेकर 22 दिनों से हड़ताल पर चल रही हैं। हरियाणा सरकार के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने 12 अगस्त को आशा वर्कर्स को विश्वास दिलवाया था कि आपकी समस्याओं का वार्ता करके जल्दी समाधान किया जाएगा।
    लेकिन अभी तक कोई समझौता वार्ता सरकार ने नहीं की। हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस के विधायक ने आशा वर्कर्स की मांग उठाई थी। उन्होंने कहा था कि कम से कम 15 हजार रुपए प्रति माह आशा वर्कर्स को मानदेय देना चाहिए। अपनी मांगों के समाधान हेतु 28 अगस्त को विधानसभा पर प्रदर्शन करने जा रही हरियाणा भर की आशा वर्कर्स को रास्तों में जबरदस्ती रोका गया और गिरफ़्तार किया गया। बसों में बैठाकर भूखे प्यासे सारा दिन घुमाते रहे। बार बार पानी की मांग करने पर भी बस को नहीं रोका गया।
    सीटू के नेताओं को भी गैर कानूनी हिरासत हिरासत में रखा गया। आशा वर्कर्स के घरों पर पुलिस बैठाकर नजरबंद कर दिया गया। सरकार ने पूरे इंतजाम किए थे कि पंचकुला में एक भी आशा वर्कर ना पहुंचे, लेकिन हजारों की संख्या में आशा वर्कर्स पंचकुला पहुंच गई। विधानसभा की तरफ प्रदर्शन करते हुए आशा वर्कर्स को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पंचकुला की आशा वर्कर्स को जिला कुरुक्षेत्र के लाडवा ब्लॉक शहर में बस व आशा वर्कर्स को छोडक़र पुलिस व ड्राईवर भाग गए। जब सभी आशा वर्कर्स पानी पीने के लिए बस से उतर गई और पानी पीने लगी तो बस ड्राइवर बस लेकर भाग गया। बस में आशा वर्कर्स का सामान भी था। वहीं पर आशा वर्कर्स ने प्रदर्शन शुरू कर दिया। तब लाडवा पुलिस ने तुरंत बस का प्रबंध किया और सभी आशा वर्कर्स को पंचकुला पहुंचाया।
    जबकि लोकतंत्र में सभी को अपनी मांगों बारे प्रदर्शन करने का अधिकार है। लेकिन हरियाणा सरकार बातचित से समाधान करने की बजाय आशा वर्कर्स के आन्दोलन को दमन से दबाना चाहती है। जिसे आशा वर्कर्स सहन नहीं करेंगी।
    इस मौके पर आशा, कमलेश, रेखा, माया, मीरा, शुशीला, सरोज, सुनीता, नीलम और सावित्री इत्यादि जिला की सैंकड़ों आशाओं ने भाग लिया।

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