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    एडीसी ने पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों को समझाई विकास कार्य करवाने की प्रक्रिया

    नारनौल, 21 जुलाई (हरियाणा न्यूज़ ब्यूरो)
    पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों के लिए लघु सचिवालय में आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में अतिरिक्त उपायुक्त वैशाली सिंह ने सभी प्रतिनिधियों को विकास कार्य करवाने संबंधी शिकायतों को विस्तार के साथ बताया।
    अतिरिक्त उपायुक्त वैशाली सिंह ने बताया कि सभी पंचायती राज संस्थाओं ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों व जिला परिषदों को अपने पास उपलब्ध धनराशि व सरकार द्वारा दी गई ग्रांट इन एड में से करवाए जाने वाले सभी विकास कार्यों के प्राकलनों की असीमित राशि तक प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान करने की शक्तियां होंगी।
    बिना ही ई-निविदा प्रणाली भी हो सकते हैं कुछ काम:
    एडीसी ने बताया कि संबंधित पंचायती राज संस्था एक वित्तीय वर्ष में ग्राम फण्ड, समिति फण्ड, जिला परिषद फण्ड में उस वर्ष में उपलब्ध राशि के पचास प्रतिशत या अधिकतम पच्चीस लाख रूपये जो भी कम हो, की राशि से अधिकतम 5 लाख रुपए तक का प्रत्येक विकास कार्य बिना ई-निविदा प्रणाली अपनाए भी करवा सकती है। ग्राम पंचायत, पंचायत समिति, जिला परिषद द्वारा 5 लाख रूपए या कम की राशि के कार्यों के लिए प्रस्ताव पारित किया जाएगा कि वह कार्य को निविदा अथवा विभागीय तौर पर करवाना चाहती है। कोटेशन केवल श्रम दरों के लिए आमंत्रित की जाएंगी। कोटेशन (एचएसआर+सीलिंग +प्रीमियम) से उपर या नीचे एकल दर पर ली जाएगी। विभागीय रूप से करवाए जाने वाले कार्य के लिए श्रम दरों की कोटेशन कमेटी द्वारा आमंत्रित की जाएगी। उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत के केस में सरपंच, ग्राम सचिव, कनिष्ठ अभियन्ता तथा समाज शिक्षा एवं पंचायत अधिकारी की कमेटी द्वारा आमंत्रित की जाएगी। पंचायत समिति के केस में संबन्धित चैयरमैन पंचायत समिति खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी तथा उपमण्डल अधिकारी पंचायती राज तथा जिला परिषद के केस में चैयरमैन जिला परिषद, मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद तथा कार्यकारी अभियन्ता पंचायती राज की कमेटी द्वारा आमंत्रित की जाएगी। उन्होंने बताया कि सबसे कम दर वाली कोटेशन उपरोक्त वर्णित कमेटी द्वारा स्वीकृत की जाएगी। निविदा दरों को मंजूर करते समय अन्य पंचायती राज संस्थाओं में चल रहे समान उसी श्रेणी के विकास कार्यो के आवंटित दरों को ध्यान में रखा जाएगा। कोटेशन नोटिस नोटिस बोर्ड पर भी लगाया जाएगा। ग्राम पंचायत, पंचायत समिति व जिला परिषद के केस में सरपंच तथा ग्राम सचिव व चेयरमैन पंचायत समिति तथा खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी जिला परिषद तथा मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद कार्य आदेश जारी करेंगे। कार्य आदेश की राशि की बढ़ोतरी तथा उसी कार्य को अलग-अलग भागों में बाटने की अनुमति नहीं है। पंचायती राज संस्थाओं द्वारा काटेशन रजिस्टर रखा जाएगा, जिसमें प्रत्येक कार्य के लिए आमंत्रित कोटेशन की प्रविष्टि उचित रिकार्ड और आडिट के लिए की जाएगी।
    आईपीबी के ताज़ा दर सरकार द्वारा राज्य स्तर पर निर्धारित की जाएगी:
    5 लाख रूपए तक के विकास कार्यों में प्रयुक्त होने वाली आईपीबी के ताजा दर सरकार द्वारा राज्य स्तर पर निर्धारित की जाएगी। क्षेत्र पदाधिकारी जिला स्तरीय खरीद कमेटी द्वारा निर्धारित दरों या जीईएम पोर्टल के माध्यम से राज्य स्तरीय रेटों के बराबर या उनसे कम रेटों पर भी आईपीबी खरीद सकते हैं। स्टोर आईटमस जैसे कि आरसीसी बैच, आरओ, वाटर कूलर, ई-रिक्शा, तिपहिया वाहन, कूड़ादान इत्यादि व जिन निर्माण सामग्री की दरें सरकार द्वारा निर्धारित नहीं की गई है उनकी खरीद जीईएम पोर्टल के माध्यम से अथवा जिला स्तरीय खरीद कमेटी द्वारा निर्धारित दरों जो भी निम्न हो पर खरीद की जाएगी। जिला स्तरीय खरीद कमेटी द्वारा खण्डवार रेट्स प्रतिस्पर्धी दरों के हिसाब से ई-टेंडर प्रक्रिया द्वारा निधारित किए जाएंगे। विभागीय रूप से किए जाने वाले पंचायतों एवं पंचायत समिति के कार्यों के लिए सामग्री की मांग खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी एंव उपमण्डल अधिकारी पंचायती राज, मनरेगा व जिला परिषद के कार्यों के लिए मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद एकत्रित करके कार्यकारी अभियन्ता पंचायती राज को दरों के निर्धारण के लिए भेजेंगे। कार्यकारी अभियन्ता पंचायती राज डीएलपीसी की ओर से ई-निविदा प्रक्रिया को अपनाकर दरों को निर्धारित करने के लिए डीएलपीसी को प्रस्तुत करेंगे। ग्राम पंचायत, पंचायत समिति, जिला परिषद के केस में सरपंच तथा ग्राम सचिव, चेयरमैन पंचायत समिति तथा खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी, चेयरमैन जिला परिषद तथा मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद आपूर्ति आदेश जारी करेंगे। पंचायती राज संस्थाओं द्वारा वर्कवाइज स्टॉक रजिस्टर भी रखा जाएगा। किसी भी अग्रिम भुगतान की अनुमति नहीं दी जाएगी। तकनीकी अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि विकास कार्यों का मूल्यांकन नवीनतम एचएसआर 2021 दरों के अनुसार किया जाएगा। किसी अन्य तरीके से मूल्यांकन की अनुमति नहीं दी जाएगी। कर आदि की कटौती करके उसे सम्बन्धित मद में नियमानुसार संबंधित डीडीओ द्वारा जमा किया जाएगा।
    एचईडब्ल्यू पोर्टल से होगी बिल की अदायगी:
    निविदा से करवाए जाने वाले कार्यों के बिल ठेकेदार द्वारा मौके की पैमाईश अनुसार एचईडब्ल्यू पोर्टल पर अदायगी के लिए तैयार किए जाएंगे। विभागीय तौर पर करवाए जाने वाले कार्यों को मापक पुस्तिका कनिष्ठ-अभियन्ता द्वारा एचईडब्ल्यू पोर्टल पर तैयार की जाएगी। सभी कार्यों व निर्माण सामग्री की अदायगी (केवल मस्टररोल की अदायगी को छोडक़र) एचईडब्ल्यू पोर्टल के माध्यम से की जाएगी। इसके अतिरिक्त अन्य सभी विकास कार्य ई-निविदा प्रणाली के माध्यम से करवाए जाएंगे, जिसके लिए क्षमता अनुसार पंचायती राज संस्था की ओर से संबंधित उपमण्डल अधिकारी, पंचायती राज या कार्यकारी अभियन्ता पंचायती राज निविदा जारी करेंगे।
    ई-निविदा के लिए ये रहेगी प्रक्रिया:
    स्वीकृत कार्य का विस्तृत प्राकलन तैयार करना व बिन्दु नंबर 1 (ग) में वर्णित शक्तियों के आधार पर सक्षम तकनीकी अधिकारी से तकनीकी स्वीकृति प्राप्त करना। सक्षम तकनीकी अधिकारी द्वारा विवरण अनुसार कार्य की डीएनआईटी तैयार करना व स्वीकृत करना। उन्होंने बताया कि 25 लाख रुपए तक के अनुमानित लागत के कार्य पंचायती राज कनिष्ठ अभियंता द्वारा तैयार किया जाएगा तथा पंचायती राज उप मंडल अधिकारी द्वारा स्वीकृत किया जाएगा। इसी प्रकार 25 लाख रुपए से अधिक तथा 1 करोड़ रुपए तक के कार्य पंचायती राज उप मंडल अधिकारी द्वारा तैयार किया जाएगा तथा कार्यकारी अभियंता पंचायती राज द्वारा स्वीकृत किया जाएगा। 1 करोड़ से अधिक अनुमानित लागत के कार्य पंचायती राज कार्यकारी अभियंता द्वारा प्यार किया जाएगा तथा पंचायती राज अधीक्षक अभियंता द्वारा स्वीकृत किया जाएगा।
    उन्होंने बताया कि डीएनआईटी की स्वीकृति के बाद निर्धारित नोटिस अवधि प्रदान करते हुए सक्षम अधिकारी द्वारा ई-निविदा जारी की जाएगी। उन्होंने बताया कि 25 लाख रुपए तक के अनुमानित लागत कार्यों की नोटिस अवधि 7 दिन, 25 से 50 लाख रुपए तक के कार्यों की नोटिस अवधि 15 दिन तथा 50 लाख रुपए से अधिक लागत कार्यों की नोटिस अवधि 21 दिन होगी। उन्होंने बताया कि 25 लाख रुपए तक के अनुमानित लागत कार्यों की ई-निविदा पंचायती राज उपमंडल अधिकारी जारी करेगा। 25 लाख रुपए से अधिक व असीमित राशि के कार्य ई-निविदा पंचायती राज कार्यकारी अभियंता जारी करेगा।
    तकनीकी निविदा स्वीकृति:
    25 लाख रुपए तक के अनुमानित लागत कार्य के लिए किसी तकनीकी मूल्यांकन की आवश्यकता नहीं है लेकिन ठेकेदार द्वारा अनिवार्य दस्तावेज एचईडब्ल्यू पोर्टल पर अपलोड किए जाएंगे। 25 लाख रुपए से अधिक तथा 1 करोड़ रुपए तक के कार्य के लिए संयोजक के रूप में संबंधित कार्यकारी अभियंता, मंडल के एक एसडीई को सदस्य के रूप में सिस्टम द्वारा यादृच्छिक रूप से चुना जाएगा। एक अनुभाग अधिकारी या लेखा अधिकारी या लेखाकार या सदस्य के रूप में संबंधित लेखा सहायक होगा। 1 करोड़ से अधिक अनुमानित लागत के कार्य के लिए सदस्य सचिव के रूप में संबंधित कार्यकारी अभियंता, एक अधीक्षण अभियंता को यादृच्छिक रूप से चुना जाएगा।
    संयोजक के रूप में सिस्टम, सदस्य के रूप में सिस्टम द्वारा यादृच्छिक रूप से एक और कार्यकारी अभियंता का चयन किया जाएगा। सदस्य के रूप में संबंधित अनुभाग अधिकारी या लेखा अधिकारी या लेखाकार या लेखा सहायक होगा।
    वित्तीय निविदा खोलने के बाद निविदा स्वीकृति:
    25 लाख रूपए के अनुमानित लागत कार्य की स्वीकृति संबंधित पंचायती राज संस्था से स्वीकृति उपरांत संबंधित उप मंडल अधिकारी पंचायती राज द्वारा स्वीकृत की जाएगी। निविदा अनुसार दरें यदि हरियाणा शेड्यूल रेट्स से 5 प्रतिशत तक ऊपर हो तो उपमंडल अधिकारी पंचायती राज, 5 से 10 प्रतिशत तक ऊपर हो तो कार्यकारी अभियंता तथा 10 प्रतिशत से ऊपर हो तो पंचायती राज अधीक्षक अभियंता द्वारा स्वीकृत की जाएंगी। इसी प्रकार 25 लाख से 2.5 करोड़ तक के अनुमानित लागत कार्य की स्वीकृति संबंधित पंचायती राज संस्था से स्वीकृति के बाद संबंधित कार्यकारी अभियंता पंचायती राज द्वारा की जाएगी। निविदा अनुसार दरें यदि हरियाणा शेड्यूल रेट से 5 प्रतिशत तक अधिक हो तो कार्यकारी अभियंता तथा 5 से 10 प्रतिशत अधिक हो तो अधीक्षक अभियंता पंचायती राज तथा 10 प्रतिशत से अधिक मुख्य अभियंता पंचायती राज द्वारा स्वीकृत की जाएंगी। 2.5 करोड़ से अधिक अनुमानित लागत के कार्य की स्वीकृति संबंधित पंचायती राज संस्था से स्वीकृति उपरांत संबंधित कार्यकारी अभियंता पंचायती राज द्वारा की जाएगी। निविदा अनुसार दरिया यदि हरियाणा शेड्यूल रेट्स से 5 प्रतिशत तक अधिक हो तो अधीक्षण अभियंता पंचायती राज तथा 5 प्रतिशत से अधिक हो तो मुख्य अभियंता पंचायती राज द्वारा स्वीकृत की जाएंगी।
    25 लाख रुपए तक के कार्यों के ये इस तरह किए गए हैं दिन निर्धारित:
    25 लाख रुपए तक के कार्यों को शुरू करवाने के लिए सबसे पहले प्रस्ताव पारित करने के बाद संबंधित तकनीकी अधिकारी को प्रार्थना बनाने हेतु भेजा जाएगा इसमें अनुमानित 2 दिन लगेंगे।
    इसके बाद और वक्त कास्ट अनुमान बनाकर तकनीकी स्वीकृति लेने के लिए अनुमानित 7 दिन लगेंगे। संबंधित पंचायती राज संस्थान द्वारा अधिकृत किए गए उसके मुखिया अथवा अन्य किसी आधिकारिक निर्वाचित सदस्य द्वारा प्रशासकीय स्वीकृति देने के लिए अनुमानित 2 दिन लगेंगे। विस्तृत प्रॉब्लम डीएनआईटी बनाने स्वीकृति उपरांत की निविदा जारी करने के लिए अनुमानित 5 दिन लगेंगे। टेंडर नोटिस की गतिविधि में अनुमानित 7 दिन लगेंगे। तकनीकी मुल्यांकन मूल्यांकन में 2 दिन लगेंगे। वित्तीय निविदा खोलकर सक्षम अधिकारी से स्वीकृति संबंधित पीआरआई की सहमति तथा जारी करने में 2 दिन लगेंगे। आर्डर जारी करने में 2 दिन लगेंगे। उन्होंने बताया कि इस प्रकार यदि प्रथम आमंत्रण पर ही निविदा बिड रात हो जाती है तो अनुमानित 29 दिन में कार्य हो जाएगा।

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