जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष रजनीश बंसल के दिशा निर्देशानुसार व प्राधिकरण की सचिव एवं मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी शैलजा गुप्ता के मार्गदर्शन में गत दिवस रामबास पंचायत भवन में महिलाओं के लिए कानूनी जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की पैनल अधिवक्ता गिरिबाला यादव व कुमुदिनी श्रीवास्तव ने महिलाओं के अधिकारों के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वैधानिक प्रावधानों के बावजूद आधी आबादी आज भी धरातल पर अपनी जड़ों की सतत तलाश में है। महिलाओं को सशक्त होने के लिए अपने अधिकारों के बारे में जानकारी होना अति आवश्यक है। उन्होंने शादी और तलाक तथा मेंटेनेंस, महिलाओं की संपत्ति के अधिकार, श्रम कानून, हिरासत में महिलाओं के अधिकार, महिलाओं के स्वास्थ्य अधिकार, पोस्को एक्ट 2012 के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि महिला की लज्जा का अनादर करने का आशय तथा उसके निजता पर आघात करने का आशय आपराधिक श्रेणी में आता है। घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 महिला को सुरक्षा प्रदान करता है। महिला को मानसिक व भावनात्मक कष्ट दिया जाता है तो प्रति कर देने का आदेश अदालत द्वारा प्रतिवादी को दिया जाता है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को कार्यस्थल पर सुरक्षा प्रदान करने के लिए 2013 में एक्ट बनाया गया। इसके तहत महिलाएं कार्यस्थल पर काम करते हुए सुरक्षा महसूस करती हैं। अपने अधिकारों के बारे में जानकारी होगी तभी वह अत्याचार का सामना करने के लिए तत्पर रहेगी। इस अवसर पर सीडीपीओ सरला यादव, सुपरवाइजर ज्योति, सरपंच सरोज देवी व गांव की महिलाएं उपस्थित थी।