वेतन बढाने की मांग को लेकर क्लेरिकल एसोसिएशन के बैनर तले विभिन्न विभागों में कार्यरत लिपिक चौथे दिन भी हड़ताल पर रहे और स्थानीय लघु सचिवालय में शनिवार को भी धरना जारी रहा| लिपिक वर्ग की हड़ताल के चलते काम न होने से लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है। वहीं तहसीलों में रजिस्ट्री नहीं होने के कारण सरकार को लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
कर्मचारी नेताओं ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि वर्ष 1957 में पहले वेतन आयोग के समय र्क्लक का पे-स्केल, जेई, डिप्टी रैंजर से अधिक होता था। लेकिन सातवें वेतन आयोग के बाद क्लर्क का ग्रेड-पे 19900 रुपये रह गया। वहीं डिप्टी रैंजर जेई सहित अन्य पदों का ग्रेड-पे बढक़र 35400 रुपये हो गया। उन्होंने कहा कि अन्य कर्मचारियोंं को सरकार की ओर से कई प्रकार के भत्ते मिलते है। लेकिन क्लर्क वर्ग को सरकार द्वारा कोई भत्ता नहीं दिया जाता। जबकि क्लर्क प्रत्येक विभाग की रीड़ की हड्डी होता है। सरकार द्वारा चलाई जाने वाली विभिन्न योजनाओं को सफल करने में क्लर्क की अहम भूमिका होती है।
राज्य महामंत्री अमित यादव ने कहा कि वे एक साल से वेतन बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। कई बार सरकार के साथ पदाधिकारियों की बैठक भी हुई, लेकिन सरकार उनकी मांगों को अनदेखा कर रही है। जब तक सरकार लिपिक वर्ग की मांग को पूरा नहीं करती है, तब तक कोई भी लिपिक अपने कार्य पर नहीं जाएगा। सभी कर्मचारी शांतिपूर्वक धरने पर बैठे रहेंगे। उन्होंने कहा कि यदि सरकार जल्द उनकी मांग नहीं मानती तो आंदोलन तेज करने का फैसला लिया जा सकता है।
शनिवार को क्लर्क एसोसिएशन के धरने को पूर्व विधायक राधेश्याम शर्मा, पूर्व एसडीएम संदीप सिंह और समाजसेवी बलवान फौजी ने अपना समर्थन दिया। बलवान फौजी ने कहा कि क्लर्क एसोएिशन की मांग जायज है। सरकार को कर्मचारियों से बातचीत करनी चाहिए तथा इनकी मांगों को जल्द ही लागू करना चाहिए। विभिन्न विभागों के कर्मचारी हड़ताल पर चले जाने के कारण आमजन को परेशानी उठानी पड़ रही है। लोग अपना काम करवाने के लिए सरकारी कार्यालय के चक्कर लगा रहें है। लेकिन कार्यालय बंद होने के कारण लोग बिना काम करवाए वापिस जा रहे है। लोगों की परेशानी देखते हुए सरकार को इनकी मांग माननी चाहिए।