नारनौल, 16 जुलाई (हरियाणा न्यूज़ ब्यूरो)
महेंद्रगढ़ से सटे गाँव रिवासा में बनाये जा रहे लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के रीजनल सेंटर का भवन शिलान्यास के पांच साल बाद भी बनकर तैयार नहीं हुआ है| जिसके चलते अस्थाई केंद्र में आई हुई कीमती मशीनें धूल फांक रही हैं|
प्रदेश के मुख्यमंत्री ने वर्ष 2016 में इस केंद्र की घोषणा की गई थी, ताकि दक्षिणी हरियाणा के पशुपालकों को उनके घर द्वार के पास बेहतर चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध हो सकें। बजट स्वीकृत होने के बाद मार्च 2018 में तत्कालीन शिक्षामंत्री ने इसके भवन का शिलान्यास किया था| सीएम की घोषणा के दो वर्ष बाद रिवासा गांव के पंचायत घर में अस्थायी रूप से रीजनल सेंटर शुरू कर पशुओं की चिकित्सा एवं जांच भी शुरू कर दी गई थी, जो अभी वहीँ चल रहा है| लेकिन भवन अब तक तैयार न होने के कारण केंद्र में आई अल्ट्रासाउंड मशीन और डीप फ्रिज जैसे लाखों रुपये के उपकरण और मशीनें अभी स्टोर में ही धूल फांक रहे हैं। एक तरफ लोगों को इनका लाभ नहीं मिल रहा, वहीं मशीनें बिना उपयोग के ही गारंटी/वारंटी से बाहर हो जायेंगी|
प्राप्त जानकारी के अनुसार इस पशु विज्ञान केंद्र का निर्माण तीन साल में पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया था। किन्तु 2020 में कोरोना के कारण समय सीमा छह माह बढ़ाकर दिसंबर-2020 तक पूरा करने का लक्ष्य दिया गया। लेकिन भवन में अभी तक 90 प्रतिशत ही काम पूरा हुआ है और फिलहाल बजट के अभाव में काम बंद पड़ा है|
भवन के निर्माण पर अब तक लगभग 7.20 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। इसमें प्रशासनिक भवन, तीन ऑपरेशन थियेटर, कांफ्रेस रूम, एक मिनी ओटी, लैब, एक्स-रे रूम, फार्मर रूम, स्टोर और 9 स्टाफ क्वार्टर बनकर तैयार हैं। इनमें चार क्वार्टर चिकित्सक, एक रीजनल डायरेक्टर, दो क्वार्टर तृतीय श्रेणी तथा दो क्वार्टर चतुर्थ श्रेणी के बनकर तैयार हैं। इनमें केवल फिनिशिंग शेष है जो बजट आने पर करवाई जायेगी। साईट प्लान के अनुसार रीजनल सेंटर के परिसर में रोड, सीवरेज, लाइट कनेक्शन, मुख्य द्वार तथा पानी की सुविधा, चारदीवारी का निर्माण करवाना अभी शेष है।
लोक निर्माण विभाग के एसडीओ कृष्ण कुमार ने बताया कि भवन का निर्माण कार्य 90 प्रतिशत पूरा हो चुका है। सरकार के पास बजट के लिए फाइल भेजी हुई हैं। बजट मिलते ही निर्माण कार्य दोबारा से शुरू किया जाएगा। करीब 11.50 करोड़ रुपये की बजट मांग भेजी हुई है, जो अभी स्वीकृति नहीं हुई है।