नारनौल, 08 जुलाई (हरियाणा न्यूज़ ब्यूरो)
एसयूसीआई कम्यूनिस्ट के पोलित ब्यूरो सदस्य एवं राज्य सचिव कॉमरेड सत्यवान ने ग्राम पंचायतों द्वारा सरकारी ग्रांट को गांव में खर्च करने के लिए स्थानीय विधायक से मंजूरी लेने के सरकार के फैसले का कड़ा विरोध किया है।
उन्होंने कहा कि सरकार का यह फैसला घोर निंदनीय और पंचायत राज संस्थाओं की स्वायत्तता को खत्म करने वाला है। यह फैसला पंचायतों की निर्धारित भूमिका को खत्म करने का लोकतंत्र-विरोधी एक कदम है। शासक पार्टी के छुटभय्यों और स्थानीय प्रशासन के गठजोड़ के माध्यम से पंचायतों को सरकार पहले से ही अपनी कठपुतली बनाती रही है, अब खुल्लम खुल्ला शासक दल के विधायकों के माध्यम से उनके बचे-खुचे अस्तित्व को भी मिटाने की तैयारी है। इससे गांवों में आपसी भेदभाव को भी बढ़ावा मिलेगा। हाल ही में, कुछ समय पहले सरकार टेंडरिंग प्रणाली लागू करके पचायतों के अधिकारों को संकुचित कर चुकी है। एसयूसीआई कम्यूनिस्ट प्रदेश की तमाम पंचायतों समेत जनता से अपील करती है कि सरकार के इस जनविरोधी फैसले के खिलाफ प्रदेशव्यापी जोरदार आंदोलन गठित करने के लिए आगे आए।