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    भूतपूर्व सैनिकों ने मांगों को लेकर की एक दिवसीय भूख हड़ताल

    नारनौल, 02 जुलाई (हरियाणा न्यूज़ ब्यूरो)
    भूतपूर्व सैनिक कल्याण संगठन के तत्वावधान में रविवार प्रात: जिलेभर के पूर्व सैनिक एकत्रित हुए तथा अपनी मांगों को लेकर स्थानीय लघु सचिवालय पार्क में भूख हड़ताल पर बैठकर धरना आयोजित किया, जिसकी अध्यक्षता हवलदार बनवारीलाल सेहलंग ने की, जबकि धरने का संचालन ओ. कैप्टन मामन सिंह पाथेड़ा ने किया। इस मौके पर भूख हड़ताल में भाग लेने वाले पूर्व सैनिकों का फूल-मालाएं पहनाकर स्वागत एवं सम्मान किया।
    इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि जब नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने थे, तब सैनिकों खासकर भूतपूर्व सैनिकों को उनसे बड़ी उम्मीदें थी। उस चुनाव से पहले पूर्व सैनिक मोदी के समर्थन में एकजुट हुए तथा देश में उनके पक्ष में एक माहौल बनाया, लेकिन अब पीएम बनने के बाद वह पूर्व सैनिकों की सुनवाई नहीं कर रहे हैं। वन रैंक वन पेंशन-2 में सेना अधिकारी एवं सैनिक की पेंशन में जमीन-आसमान का फर्क कर दिया गया है, जिसको लेकर जवानों में भी काफी रोष है। बहुत से साथियों ने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राण भी न्यौछावर कर दिए तथा अन्य कुर्बानियां भी दी, लेकिन अब पेंशन विसंगति दूर करवाने के लिए भूख हड़ताल करने की नौबत आ गई है। 
    वक्ताओं ने कहा कि सेना में अधिकारी रैंक से नीचे के जवान 15-18-27 व 32 साल में ही सेवानिवृत हो रहे हैं, जबकि अधिकारी पूरी सेवाकाल 58/60 साल में सेवानिवृत्त होते हैं। इस दौरान अधिकारियों की सारी सामाजिक व आर्थिक जिम्मेदारी पूरी हो जाती हैं, लेकिन जवान व जेसीओ पर सेवानिवृत्ति के बाद जैसे बच्चों की पढ़ाई, शादी, मकान आदि का बोझ रहता है। इसलिए हमारी एमएसपी, डिसएब्लिटी, विडो की पेंशन में भेदभाव खत्म करके वन रैंक वन पेंशन-2 की विसंगतियों को दूर करके न्याय प्रदान करें। 
    अफसोस प्रकट करते हुए कहा कि सरकार ने आश्वासन के बावजूद वन रैंक-वन पेंशन-2 की विसंगतियों को दूर नहीं किया है। इसमें केवल अधिकारी रैंक में आने वाले पूर्व सैनिकों की पेंशन बढ़ी है, जबकि निचले स्तर के पूर्व सैनिकों की पेंशन में बेहद मामूली बढ़ोतरी हुई है। इसको लेकर दिल्ली में फरवरी से पूर्व सैनिकों का धरना चल रहा है। जिला में भी पूर्व सैनिक कई बार प्रदर्शन कर चुके हैं। सरकार द्वारा वन रैंक-वन पेंशन-2 लागू न करने की अवस्था में भूतपूर्व सैनिकों द्वारा गत तीन अप्रैल से 30 जून तक उपायुक्त/सांसद/राष्ट्रपति/प्रधानमंत्री/रक्षामंत्री आदि को ज्ञापन प्रेषित कर चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद सरकार मौन है। भूख भूख हड़ताल एवं धरना प्रात: 10 बजे से सायं 4 बजे तक चला तथा सरकार से निष्पक्षता से इस समस्या को हल करवाने का अनुरोध किया।
    इस मौके पर पूर्व सैनिक हवलदार बनवारी लाल, कैप्टन मामन सिंह, हव मीरसिंह, गणपत राम, कै. सांवत सिंह, डीबी शर्मा, हंसराज, अत्तर सिंह, सूबेदार महावीर सिंह, कै. सुभाष चंद, सुरेश कुमार, सूबेदार सुरेश कुमार, कै. सुमेरसिंह, सूबेदार सुंदरलाल, सूबेदार वीरेंद्र सिंह, रामदत्त, महेंद्र पाल, रामौतार, सूबेदार मेजर देशराज, सूबेदार मेजर शैतान सिंह, नायब सूबेदार लक्ष्मीनारायण, सूबेदार आरके सिंह, कै. राजेश कुमार एवं कृष्ण कुमार आदि मौजूद थे।

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