नारनौल, 21 जुलाई (हरियाणा न्यूज़ ब्यूरो)|
प्रदेश के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ओमप्रकाश यादव ने कहा कि सरकार का ग्रामीण विकास पर मुख्य फोकस है। सरकार गांवों का विकास शहरी तर्ज पर करवाएगी। इसी उद्देश्य के लिए विकास करने वाली एजेंसी की पेमेंट करने की आखिरी अथॉरिटी सरपंच को बनाया गया है। गांव का विकास करने के लिए सभी ग्राम पंचायतें अपना प्रस्ताव स्पष्ट तरीके से ग्राम दर्शन पोर्टल पर भेजें। श्री यादव आज लघु सचिवालय में खंड नारनौल तथा सीहमा के जिला परिषद, पंचायत समिति तथा ग्राम पंचायत के प्रतिनिधियों के एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार ने ग्रामीण विकास में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए ग्राम दर्शन पोर्टल बनाया है। कोई भी कार्य इस पोर्टल के माध्यम से होगा। सभी जनप्रतिनिधि यह सुनिश्चित करें कि किसी कार्य के लिए सबसे पहले ग्रामीणों की राय ली जाए। उसके बाद पंचायत के माध्यम से प्रस्ताव पास करवाएं। जो कार्य होना है उसके लिए लोकेशन की जानकारी अच्छी तरह भरी जाए ताकि विकास कार्यों में किसी प्रकार की अड़चन ना आए। काम का पूरा ब्यौरा अच्छी तरह से दर्ज करें। उन्होंने कहा कि सरकार ने चौधर सरपंचों को तथा जिम्मेदारी अधिकारियों की तय की है। पहले सरपंचों को बहुत सीमित राशि के कार्य करने का अधिकार होता था। अब करोड़ों के विकास कार्य भी सरपंचों के माध्यम से होंगे लेकिन उसके लिए सरकार ने जो सिस्टम तय किया है उसके अनुसार ही कार्य करवाना होगा।
श्री यादव ने अधिकारियों को भी निर्देश दिए कि अगर कोई एजेंसी निर्धारित समय पर विकास कार्य शुरू नहीं करवाती है तो उसे तुरंत ब्लैक लिस्ट किया जाए। उन्होंने कहा कि अगर किसी सरपंच को कोई परेशानी आती है तो वह उनके कार्यालय में आकर किसी भी समय से मिल सकते हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबों के लिए बनाई गई कालोनियों में बिजली-पानी, सडक़ जैसी सुविधाएं जल्द से जल्द मुहैया करवाई जाएं। उन्होंने कहा कि अब सरकार ने फैसला किया है कि गांव के लाल डोरे से लेकर एक किलोमीटर की परिधि तक के मकानों में बिजली का कनेक्शन दिया जाएगा।
इस मौके पर अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि सरकार ने ग्राम पंचायतों के माध्यम से पैसा खर्च करने के लिए नई हिदायतें जारी की हैं। ग्राम पंचायत के पास कितना फंड होगा, कैसे खर्च करना है और सरपंच की क्या पावर है, इस सबके लिए सरकार की ओर से एसओपी जारी की गई है। सरकार द्वारा जारी शिकायतों के अनुसार सरपंचों को कार्य करना है।
एडीसी ने कहा कि अगर ग्राम पंचायत कुछ सामान खरीदना चाहती है तो उसे सरकार के जेम पोर्टल से खरीदें। इसी प्रकार अगर ग्राम पंचायत सोलर लाइट लगवाना चाहती है तो नवीकरणीय ऊर्जा विभाग हरियाणा के माध्यम से ही लगवाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि अगर सरपंच पोर्टल के माध्यम से कार्य करेंगे तो उन्हें बाद में किसी भी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। इस मौके पर बीडीपीओ प्रमोद कुमार ने बताया कि कोई भी काम शुरू करने से पहले सरपंच ग्रामीणों से मांग पत्र तैयार करवाएं। इसके बाद बैठक करके ग्राम पंचायत की मौजूदगी में प्रस्ताव को स्वीकार करवाएं। जिस प्रोजेक्ट के लिए डिमांड की गई है उसके लिए जगह विवादित नहीं चाहिए। साथ ही उसमें खसरा नंबर आदि की पूरी जानकारी डाली जाए। अगर इस तरह सही तरीके से ग्राम दर्शन पोर्टल पर जानकारी डाली जाएगी तो जल्द से जल्द विकास कार्य शुरू हो सकेगा।
इस बैठक में डीडीपीओ आशीष मान तथा पंचायती राज के एक्सईएन दिवाकर राय के अलावा अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।