पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एवं नारनौल न्यायिक परिसर के प्रशासनिक जज विवेक पुरी ने कहा कि हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की तरफ से राज्य के सभी न्यायालय परिसर में चल रहे वैकल्पिक विवाद समाधान (एडीआर) केंद्र न्यायालयों में मुकदमेबाजी से पहले का बेहतरीन विकल्प है। इसमें दोनों पक्षों के विवाद को संवाद के माध्यम से मतभेदों को दूर करते हुए सुलझाया जाता है। तटस्थ तृतीय पक्ष का उपयोग करते हुए मामलों का जल्द समाधान होता है। इसके कारण न्यायालयों का बोझ कम हुआ है। श्री पुरी आज न्यायालय परिसर नारनौल में चल रहे एडीआर सेंटर में स्वास्थ्य विभाग तथा जिला रेडक्रॉस समिति की ओर से आयोजित रक्तदान शिविर के दौरान बातचीत कर रहे थे। रक्तदान शिविर में 39 यूनिट रक्त एकत्रित हुआ। इस मौके पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के चेयरमैन तथा जिला एवं सत्र न्यायाधीश रजनीश बंसल भी मौजूद थे।
उन्होंने कहा कि एडीआर सेंटर के तहत विवाद समाधान की कुछ प्रक्रियाएं होती हैं जो विवाद में उलझे पक्षों को बिना मुकदमे के ही विवाद का समाधान खोजने में सहायता करतीं हैं। हरियाणा के सभी जिलों में ये केंद्र कार्यरत हैं जो पीड़ितों को जल्द न्याय दिलाने में मदद कर रहे हैं।
हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की स्थापना लोक अदालतों का संचालन करने एवं नालसा की नीतियों और निर्देशों को लागू करने के साथ-साथ लोगों को कानूनी सेवाएं प्रदान करने के लिए की गई है।
रक्तदान शिविर से पहले उन्होंने न्यायिक परिसर नारनौल में पौधारोपण किया। श्री पुरी ने रक्त दाताओं को बैज भी लगाए। इस मौके पर उन्होंने कहा कि रक्त की एक बूंद किसी का जीवन बचा सकती है। रक्तदान सबसे बड़ा दान होता है।
इस मौके पर एडीजे डीएन भारद्वाज, एडीजे राज गुप्ता, एडीजे योगेश चौधरी, एडीजे अमनदीप दीवान, एडीजे अभिलाषा सपरा कोहली, एसीजे आर्य शर्मा, सीजेएम कीर्ति जैन, सीजेएम एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव शैलजा गुप्ता, एसीजे अमित सिहाग तथा सीजे जेडी अमनदीप के अलावा फॉरेस्ट ऑफिसर रजनीश कुमार भी मौजूद थी।