गांव मुकुंदपुरा में एक बार फिर से तेंदुए का खौफ फ़ैल गया है। ग्रामीणों का कहना है कि वाइल्डलाइफ ने एक तेंदुआ तो पकड़ लिया है, लेकिन उन्हें गांव की पहाडिय़ों व जंगल के नजदीक एक और तेंदुआ दिखाई दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन इस तेंदुए को पकडऩे के लिए भी इंतजाम करें, ताकि गांव व आसपास के लोग सुरक्षित रहें।
अभी दो दिन पहले ही वाइल्डलाइफ की टीम ने गांव मुकंदपुरा में पिंजरे लगाकर एक तेंदुआ को पकड़ा था| पिछले एक महीने से जंगली जानवर का खौफ बना हुआ था। जिसके चलते ग्रामीणों ने इसकी शिकायत करीब 15 दिन पूर्व प्रशासन को दी थी। ग्रामीणों का कहना था कि जंगली जानवर उनकी भेड़ बकरियों व अन्य मवेशियों को अपना निशाना बना रहा है। उन्हें डर है कि कहीं वह लोगों को भी अपना निशाना नहीं बना ले।शिकायत मिलने के वन विभाग व वाइल्डलाइफ की टीम ने वहां दो पिंजरे लगाये थे। पिंजरे लगाने के तीन चार दिन बाद एक तेंदुआ बंद हो गया था| जिसे फिरोजपुर झिरका के जंगल में छोड़ दिया गया है| तेंदुए के जाने के बाद ग्रामीणों ने थोड़ी राहत की सांस ली थी, लेकिन अब ग्रामीणों के सामने फिर से एक नई मुसीबत आ गई है।
ग्रामीणों का कहना है कि हालांकि वाइल्डलाइफ द्वारा एक तेंदुआ पकड़ा गया है, लेकिन अभी भी मुकंदपुरा गांव के पास पहाड़ी व जंगल में अन्य तेंदुए हैं। उनका कहना है कि गत दिवस कई लोगों ने पहाड़ी की चोटी के ऊपर तेंदुए जैसा ही एक जंगली जानवर बैठा हुआ देखा था। जिसकी वीडियो भी ग्रामीणों ने बनाई। इसके बाद ग्रामीणों ने इस वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर करते हुए जिला प्रशासन से अपील की है कि जिला प्रशासन दूसरे तेंदुए को पकडऩे के लिए भी इंतजाम करें, ताकि ग्रामीणों का डर कम हो सके।
वाइल्डलाइफ की टीम को पहले से ही इस बारे में शक था की और तेंदुआ भी हो सकता है, इसीलिए उसने एक पिंजरा पहला तेंदुआ पकड़ने के बाद गाँव में ही छोड़ दिया था| अब ग्रामीणों ने इसकी पुष्टि कर दी है कि तेंदुआ जैसा कोई और भी जानवर अभी जंगल में है|