अतिरिक्त उपायुक्त वैशाली सिंह ने आज डीआरडीए प्रशिक्षण हॉल में तीन दिवसीय नव सामुदायिक संसाधन व्यक्ति (सीआरपी) प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
एडीसी ने कहा कि जिला के जिन गांवों में एक भी स्वयं सहायता समूह नहीं बना है। उन गांवों में प्रशिक्षणार्थियों की 3 से 4 सदस्यों की टीम बनाकर 15 दिन के लिए एक गांव में भेजा जाएगा और वहां पर स्वयं सहायता समूहों का गठन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षणार्थी यदि 12 स्वयं सहायता समूहों का गठन किया जाता है। और उनके खाते खुलवाते हैं तो प्रति सदस्य प्रतिदिन 600 रुपए का मानदेय दिया जाएगा। इस प्रकार से 9 हजार रुपए प्रति सदस्य प्रति राउंड दिया जाना है। यदि 12 से कम समूह बनते है तो उन्हें पीआरओ-आरएटीए के हिसाब से मानदेय दिया जाएगा है
उन्होंने स्वयं सहायता समूहों को प्रेरित किया कि अपने परिवार की आमदनी आगे बढ़ाने का एक बेहतरीन अवसर है। इसमें स्वयं की इच्छाशक्ति और आगे बढऩे की लग्न होनी चाहिए। इसमें नए सीआरपी सदस्यों द्वारा सबसे पहले अपने समूहों और ग्राम संगठन को मजबूती से बनाए और अपना आदर्श समूह का उदाहरण देकर आगे दूसरे ग्राम पंचायतों में अधिक से अधिक समूह बनाने का बेहतर प्रयास करें और तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में अच्छे से सीखें ताकि आगे चलकर समूह बनाने में इसका फायदा उठा सकें।
इस मौके पर जिला कार्यात्मक प्रबंधक ईश्वर सिंह स्वयं सहायता समूहों को प्रेरित करते हुए कहा कि अधिक से अधिक सीआरपी राउंड लगाने के लिए तैयार रहें और अधिक से अधिक समूह गठन करवाकर उनके खाते खुलवाएं ताकि आय अर्जन का एक अच्छा स्त्रोत बना रहे। इस अवसर पर ट्रेनर शरीफ अली, एसपीएम-एलडीएफ गिरिराज मीणा, नारायण, सुनील कुमार, जिला समन्वयक, एलडीएफ, कनीना खंड इंचार्ज मनोज कुमार, निजामपुर खंड इंचार्ज मीना कुमारी, जयवंती, ज्वाला सैनी, विनोद कुमार, डाटा एन्ट्री आपरेटर पुरूषोत्तम उपस्थित थे।