महेंद्रगढ़ में कानून व्यवस्था और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस अधीक्षक विक्रांत भूषण के दिशा-निर्देशानुसार पुलिसकर्मियों ने पुलिस लाइन नारनौल परिसर में दंगा नियंत्रण मॉक ड्रिल का अभ्यास किया। जिसमें दंगाइयों से निपटने के लिए आंसू गैस, लाठीचार्ज का अभ्यास किया गया। अभ्यास के बाद पुलिस अधीक्षक ने आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए।
शनिवार को पुलिस लाइन परिसर में पुलिस टीम का जज्बा परखा गया। दंगा होने की स्थिति में पुलिस के एक्शन में आने के साथ ही इन हालात से निपटने के लिए किस रैंक के अफसरों को किस तरह से अपनी भूमिका को तय करके एक्शन में आना है, इसका अभ्यास कराया गया।
दंगाइयों से निपटने के लिए पुलिस अधिकारी, थाना प्रभारी व उपनिरीक्षकों और अन्य पुलिस कर्मियों ने मॉक ड्रिल किया। पुलिसकर्मियों को दंगे के दौरान गंभीर बातों से अवगत कराया गया। पुलिस कर्मचारियों के द्वारा कैनसिल्ड की दीवार बनाकर व भीड़ को नियंत्रित करने बारे उचित दिशा-निर्देश दिए गए।
जिले में कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए जिला पुलिस का पुलिस लाईन नारनौल में दंगा निरोधक टीम बनाकर मॉक ड्रिल करवाया गया। मॉकड्रिल के दौरान पुलिस बल को विशेष ट्रेनिंग का अभ्यास कराया गया, जिससे जिले में किसी भी अप्रिय घटना के समय कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह पुलिस बल हमेशा तैयार रहेगा। इस मॉक ड्रिल में सभी पुलिस कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया है। इस मॉक ड्रिल के दौरान महिला पुलिस बल की टुकड़ी ने भी स्पेशल मॉकड्रिल की।
इस मॉक ड्रिल के दौरान कर्मचारियों को भीड़ को तितर-बितर करने व दंगा गतिविधियों पर कैसे काबू पाया जाए, इस बारे में बताया गया। इसके अलावा पुलिस कर्मचारियों को भीड़ को खदेड़ने के लिए कैनसील्ड व डंडे के साथ अभ्यास करवाया गया। अगर कहीं पर भी असामाजिक तत्व माहौल बिगाड़ने की कोशिश करते हैं तो उनसे कैसे सख्ती से निपटा जाए तथा उनके साथ कानूनी सीमा के तहत बल प्रयोग कैसे किया जाए, इस बारे में भी प्रशिक्षित किया गया। पुलिस अधीक्षक विक्रांत भूषण ने कहा कि जिला पुलिस द्वारा समय-समय पर ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। जिससे पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को आपात परिस्थितियों में जिले में शांति व कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए परीक्षण दिया जाता है।