हरियाणा सरकार द्वारा नयी शिक्षा नीति को लागू किये जाने से प्रदेश में डीएड कॉलेज चला रहे लोग परेशान हैं| क्योंकि नयी शिक्षा नीति लागू होने से डीएड कॉलेज बंद हो जायेंगे| इसी को लेकर आज एसोसिएशन ऑफ़ एनसीटीई अप्रूव्ड कालेजों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री ओमप्रकाश यादव को अपनी मांगों को लेकर एक ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री ओमप्रकाश यादव को बताया कि प्रदेश सरकार इसी सत्र से नई शिक्षा नीति का हवाला देकर जेबीटी कोर्स को बंद करना चाहती हैं। प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री ओमप्रकाश यादव को बताया कि नई शिक्षा नीति में केंद्र सरकार ने सत्र 2030 तक डीएड अर्थात जेबीटी को बीए, बीएससी, बीएड को 4 ईयर इंटीग्रेटेड कोर्स में कन्वर्ट करने के लिए प्रस्ताव रखा है। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि हरियाणा सरकार ने 7 साल पहले ही डीएड/जेबीटी कोर्स को बंद करने का फरमान जारी कर दिया है, जो सरासर अन्याय है। प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि इस फैसले से प्रदेश के लाखों लोग प्रभावित होंगे जिसमें लगभग 10,000 प्राध्यापक तथा नॉन टीचिंग स्टाफ बेरोजगार हो जाएंगे तथा बेरोजगारी के चलते उनके परिवार में रोजी-रोटी के लाले पड़ जाएंगे।
प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री ओमप्रकाश यादव को बताया कि हरियाणा में 400 कॉलेजों की 10000 करोड रुपए की बिल्डिंग व संसाधन बेकार हो जाएंगे, वहीं इन कालेजों द्वारा हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी को लगभग 12 करोड़ सालाना वार्षिक फीस व एससीईआरटी गुडग़ांव को 2 करोड़ रुपए फीस का भुगतान किया जाता है। कोर्स बंद हो जाने पर सरकार को भी राजस्व का नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा को छोडक़र बाकी सभी राज्यों में डीएड/जेबीटी कोर्स चल रहा है तथा 2030 तक चलेगा| इसलिए हरियाणा में भी जेबीटी/डीएड कोर्स को अन्य राज्यों की तरह चालू रखा जाए।
मंत्री ओमप्रकाश यादव ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि वे इस विषय को लेकर शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री मनोहर लाल से बात करेंगे। इस मौके पर विभिन्न कॉलेजों के चेयरमैन सतीश बबली, पृथ्वी सिंह, विजय कुमार, सुनील, अशोक कुमार, अजय कुमार, देवेंद्र, मनोज मौजूद रहे।