अवैध खनन की शिकायत मिलने के बाद माइनिंग, वन व पुलिस विभाग की सयुक्त टीम ने गांव घाटाशेर व आसपास स्थित पहाडिय़ों का मौका मुआयना किया। इस दौरान टीम के साथ घाटाशेर सरपंच के पति गुरूवचन व पूर्व सरपंच प्रताप के पुत्र पवन यादव भी मौजूद थे। टीम के द्वारा जेसीबी की सहायता से रास्तों को अवरुद्ध भी करवाया गया। ताकि अवैध खनन माफिया पर रोक लगा सके।
निजामपुर व नांगल चौधरी क्षेत्र में कई पहाडिय़ां स्थित हैं। इन पहाड़ियों में खनन के लिए सरकार ने कई माइनिंग जोन में खनन की परमिशन दी हुई है, लेकिन इसके बावजूद अनेक पहाडिय़ां ऐसी हैं, जहां पर अवैध खनन धड़ल्ले से किया जा रहा है। गांव घाटाशेर व उसके आसपास की पहाडय़िों में भी धड़ल्ले से अवैध खनन किया जा रहा है। ग्रामीणों के द्वारा इसकी शिकायत विभाग के अधिकारियों को दी गई थी। शिकायत मिलने के बाद विभाग ने एक टीम का गठन किया गया। टीम में माइनिंग इंस्पेक्टर तन्नू जोशी के अलावा माइनिंग विभाग के अन्य कर्मचारियों के साथ वन विभाग से रेंज ऑफिसर जय भगवान, वन दरोगा ऋषिराज, कृष्ण कुमार वनरक्षक, संदीप कुमार के साथ पुलिस टीम भी मौके पर पंहुची। शनिवार दोपहर बाद टीम के द्वारा घाटाशेर व उसके आसपास स्थित पहाडिय़ों का निरीक्षण किया गया। इस दौरान टीम को अवैध खनन करता हुआ कोई व्यक्ति नहीं मिला, लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि पहाड़ी में अवैध खनन जोरों पर है। इसकी जानकारी लोगों के द्वारा समय-समय पर विभागीय अधिकारी व जिला प्रशासन को भी दी जाती है। इस संबंध में गांव के एक व्यक्ति विरेन्द्र के द्वारा अवैध ब्लास्टिंग होने की सूचना मीडिया को दी गई थी। वहीं शुक्रवार सायं इस संबंध में माइनिंग अधिकारी भूपेंद्र सिंह को अवगत भी करवाया गया था, साथ ही शनिवार सुबह इसकी जानकारी एसडीएम मनोज कुमार को भी दी गई थी।
मामले पर संज्ञान लेते हुए शनिवार दोपहर संयुक्त टीम के द्वारा पहाड़ी का निरीक्षण किया गया। मौके पर पहुंची माइनिंग विभाग की टीम के द्वारा जेसीबी की सहायता से सभी रास्तों का अवरूध करवाया गया है ताकि भविष्य में अवैध खनन पर रोक लगाई जा सके। इस संबंध में माइनिंग अधिकारी भूपेंद्र सिंह से बात की गई तो उन्हें बताया मामला संज्ञान में है, टीम को निरीक्षण के लिए मौके पर भेजा गया था। भविष्य में ऐसी कोई सूचना अगर मिलती है तो अवैध खनन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। वही इस संबंध में रेंज ऑफिसर जय भगवान से बात की गई तो उन्हें बताया कि समय-समय पर क्षेत्र का निरीक्षण किया जाता है। फिर भी यदि वन क्षेत्र मे किसी के द्वारा पेड़ पौधों को नुकसान पंहुचाया जाता है तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।