नारनौल, 26 जुलाई (हरियाणा न्यूज़ ब्यूरो)
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत फसलों का बीमा करवाने के लिए सरकार द्वारा 31 जुलाई तक समय सीमा दी है। अब इच्छुक किसान खरीफ फसलों का निर्धारित तिथि तक बीमा करवा सकते हैं।
यह जानकारी देते हुए उप कृषि निदेशक डॉ बलवंत सिंह ने बताया कि खरीफ सीजन में इस योजना के तहत किसानों को बाजरा के लिए 371.65 रुपए, कपास के लिए 1971.9 रुपए, मूंग के लिए 345.95 रुपए, मक्का के लिए 395.36 रुपए व धान के लिए 770.97 प्रति एकड़ की दर से प्रीमियम देना होगा। उन्होंने बताया कि फसल की बीमित राशि बाजरा के लिए 18582 रुपए, कपास 39438 रुपए, मूंग के लिए 17296 रुपए, मक्का के लिए 19768 रुपए व धान के लिए 38548 रुपए प्रति एकड़ निर्धारित की गई है।
केसीसी वाले जो लोग बीमा नहीं करवाना चाहते, बैंक को लिखित सूचना दें
उन्होंने बताया कि यह योजना सभी किसानों के लिए स्वैच्छिक है। इसलिए यदि ऋणी किसान इस योजना में शामिल नहीं होना चाहते तो वे अपने बैंकों में लिखित आवेदन करके योजना से बाहर हो सकते हैं। यदि ऋणी किसान स्कीम से बाहर होने के लिए तय सीमा तक सम्बन्धित बैंक में आवेदन नहीं करता तो बैंक किसान की फसलों का बीमा करने के लिए अधिकृत होंगे।
उन्होंने बताया कि गैर-ऋणी किसान ग्राहक सेवा केन्द्र या बीमा कम्पनी के प्रतिनिधि से अपनी फसल का बीमा करवा सकता है। यदि कोई किसान पहले से नियोजित फसल को बदलता है तो उसे अन्तिम तिथि से कम से कम दो दिन पहले (29 जुलाई तक) फसल बदलाव के लिए बैंक में सूचित करना होगा। उन्होंने बताया स्कीम में किसानों की शिकायतों के निपटान के लिए राज्य व जिला स्तर पर शिकायत निवारण समितियों का गठन किया गया है। इस संबंध में अन्य किसी जानकारी के लिए कृषि विभाग द्वारा जारी टोल फ्री नंबर 18001802117 पर संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा योजना का पूरा विवरण कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की वेबसाइट एग्री हरियाणा डॉट जीओवी डॉट इन एवं पीएमएफबीवाई डॉट जीओवी डॉट इन पर उपलब्ध है।
शिकायत दर्ज करवाने के लिए फसल बीमा की एप्लीकेशन आईडी अति आवश्यक:
स्थानीय आपदाओं के तहत ओलावृष्टि जलभराव भूस्खलन, आसमानी बिजली से नुकसान होने पर किसान को आपदा होने के 72 घंटे के अंदर-अंदर कृषि तथा किसान कल्याण विभाग नारनौल के कार्यालय में शिकायत दर्ज करवानी होगी। शिकायत दर्ज करवाने के लिए फसल बीमा की एप्लीकेशन आईडी अति आवश्यक है। किसानों से अनुरोध है कि बीमा करवाते ही अपनी बीमा की एप्लीकेशन आईडी अपने बैंक से यथासमय प्राप्त कर लें ताकि नुकसान आवेदन जमा करवाने में किसी प्रकार की समस्या का सामना ना करना पड़े। स्थानीय आपदाओं के तहत नुकसान का आकलन खेत स्तर पर किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त व्यापक प्रसार आपदाओं के तहत कीट पतंगी, रोग लगने पाला एवं ठण्ड से या किसी अन्य कारण से होने वाले नुकसान का आकलन हरियाणा सरकार द्वारा आयोजित फसल कटाई प्रयोगों के आधार पर गांव की औसत पैदावार निकालकर किया जाता है। व्यापक प्रसार आपदाओं के तहत नुकसान का आकलन गांव स्तर पर किया जाता है। इसके लिए किसान को नुकसान की सूचना या आवेदन करने की आवश्यकता नहीं होती।