बिना शुद्ध हवा और पानी के विकास किसी काम का नहीं है| इसलिए प्रत्येक नागरिक का फ़र्ज़ है कि वह जल, जंगल और ज़मीन को बचाने का भरसक प्रयास करे|
उक्त विचार पर्यावरणविद और वरिष्ठ साहित्यकार रघुविन्द्र यादव ने जिला के गाँव बालधन खुर्द के बाबा धुणा वाला के आश्रम में कोसली की सामाजिक संस्था प्रेरणा और आश्रम के संयुक्त तत्वावधान में विश्व पर्यावरण दिवस पर आयोजित विचार गोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए व्यक्त किये| समारोह के मुख्य अतिथि कोसली के पूर्व विधायक और पूर्व मंत्री विक्रम ठेकेदार थे|
रघुविन्द्र यादव ने पर्यावरण संरक्षण के उपाय बताते हुए लोगों से आह्वान किया कि वे पेड़ों का संरक्षण करने पर अधिक जोर दें, क्योंकि नए पौधे को वृक्ष बनाने में कई साल लगते हैं| जबकि ये प्राकृतिक प्रदुषण नियंत्रक हैं| उन्होंने जल और बिजली का सदुपयोग करने, कागज़ का दोनों तरफ से प्रयोग करने, खेत का पानी खेत में रोकने, रासायनिक खादों की जगह गोबर की खाद का प्रयोग करने, कीटनाशक और खरपतवार नाशक के प्रयोग को सिमित करने का आह्वान किया| उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति का प्रयास मायने रखता है| इसलिए हम अपना प्रयास जारी रखें और दूसरों के सामने मिसाल पेश करें|
इससे पूर्व मुख्य अतिथि, मुख्य वक्ता और कवियों ने आश्रम में पौधारोपण किया|
दूसरे सत्र में काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया| जिसमें वरिष्ठ दोहाकार रघुविन्द्र यादव ने अपने दोहों से लोगों को झकझोरा| वहीं रेडियो गायक कवि दलबीर फूल ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं की दाद हासिल की| त्रिलोक फतेहपुरी, महावीर सिंह निर्दोष, जय सिंह जीत, जीतेन्द्र भारद्वाज, नन्दलाल नियरा और उषा आर्य ने भी कविता पाठ के माध्यम में पर्यावरण बचाने का सन्देश दिया| गोष्ठी का सञ्चालन कवि महावीर निर्दोष ने किया|
इस अवसर पर स्थानीय पार्षद माडिया, प्रेरणा संस्था से सतबीर इन्दौरा, निदेशक नरेन्द्र सिंह सहित बड़ी संख्या में महिलाएं और ग्रामीण उपस्थित थे|