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    धोलेडा महापंचायत में फैसला समस्या का समाधान नहीं तो वोट नहीं

    नारनौल, 11 जून (हरियाणा न्यूज़ ब्यूरो)। 
    धोलेड़ा क्रेशर जोन में चल रहे क्रेशरों व पर्यावरण प्रदूषण की समस्या के खिलाफ इंजीनियर तेजपाल यादव के नेतृत्व में गांव धोलेडा  में पंडितों की धर्मशाला में एक महापंचायत का आयोजन किया गया| जिसमें सर्व सम्मति से फैसला लिया गया कि जब तक सरकार व प्रशासन यहां से क्रेशर बंद नहीं करते तो आने वाले चुनाव का बहिष्कार तथा जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों का विरोध किया जाएगा। साथ ही इंजीनियर तेजपाल यादव के नेतृत्व में नए बड़े आक्रामक आंदोलन की रूपरेखा के तहत लड़ने का ऐलान किया। 
    इससे पूर्व आज ही सुबह इंजीनियर तेजपाल यादव के नेतृत्व में गांव खातोली जाट में स्टोन क्रेशरों व पर्यावरण प्रदूषण के खिलाफ एक आमसभा हुई। महापंचायत में युवाओं ने सर पर काले पट्टे बांधकर सरकार और प्रशासन के खिलाफ अपना विरोध जताया। ग्रामीणों का आरोप है कि गांव धोलेड़ा में अनेक क्रेशर पर बने हुए हैं, इन क्रेशरों के कारण यहां के लोगों का जीना दूभर हो गया है। गांव में फसलें नष्ट होने लगी हैं, पूरा दिन धूल मिट्टी उड़ती रहती है, जिसके फल स्वरूप ग्रामीण बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं।

    गौरतलब है कि सामाजिक कार्यकर्ता एवं पर्यावरणविद् इंजीनियर तेजपाल यादव की याचिका "तेजपाल वर्सेज स्टेट ऑफ हरियाणा" पर महेंद्रगढ़ व चरखी दादरी जिले के सभी 343 स्टोन क्रेशरों पर प्रति क्रेशर न्यूनतम 20 लाख के हिसाब से कुल न्यूनतम 70 करोड का भारी-भरकम जुर्माने के साथ इनको बंद करने के आदेश दिए थे। एनजीटी के द्वारा हाल ही में हुआ था। लेकिन इस आदेश की बार-बार अनदेखी की जा रही है, हरियाणा सरकार सोई हुई है और जिला प्रशासन व अधिकारियों का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। सरकार और प्रशासन लेटलतीफी के चलते यहां एक भी क्रेशर बंद नहीं करवा पाई। एनजीटी में भी रिपोर्ट सौंपने में कोताही बरती जा रही है। इन तमाम चीजों को मद्देनजर रखते हुए सरकार को जगाने के लिए इंजीनियर तेजपाल यादव के नेतृत्व में लोगों ने खातोली जाट व धोलेडा गांवों में महापंचायतों का आयोजन किया। मुख्य वक्ता के तौर पर उपस्थित इंजीनियर तेजपाल यादव के नेतृत्व में सभी लोगों ने आर-पार की लड़ाई, आक्रामक चरणबद्ध आंदोलन की रणनीति के तहत लड़ने का ऐलान किया।

    ग्रामीणों ने बताया कि स्टोन क्रेशरों की उड़ती धूल से भारी प्रदूषण हो रहा है। आसपास के गांवों में बहुत लोग टीबी, दमा, अस्थमा, सिलिकोसिस जैसी जानलेवा बीमारियों के मरीज हो रहे हैं। लोग बीमारी का जीवन जीने को मजबूर हैं। भले ही स्टोन क्रशरों की धूल सारे दिन उड़ती रहती हो पर नए क्रेशरों को अनापत्ति मिलना भी जारी है। लोगों ने कहा कि इंजीनियर तेजपाल यादव पिछले 6 साल से स्टोन क्रेशरों व पर्यावरण प्रदूषण के खिलाफ एक निर्णायक लड़ाई लड़ रहे हैं जिसमें वह एनजीटी और सुप्रीम कोर्ट से दो-दो बार महेंद्रगढ़ जिले के 72 अवैध स्टोन क्रेशरों को बंद कराने का आदेश करा चुके हैं, जिसमे काफी क्रेशरों की एनओसीयाँ भी रद्द हुई। साथ ही जिले के सभी क्रेशरों पर न्यूनतम 70 करोड़ का भारी-भरकम जुर्माने का आदेश भी हो चुका है। लेकिन सरकार के कानों पर जूं नहीं रेंग रही है| सरकार क्रेशरों पर हुए न्यूनतम 70 करोड़ के जुर्माने के सर्वोच्च आदेश पर भी अमल नहीं कर रही है, उलटे नए क्रेशरों को एनओसी देने में लगी हुई है।

    इंजीनियर तेजपाल यादव ने स्टोन क्रेशरों व पर्यावरण प्रदूषण के खिलाफ हरियाणा सरकार और जिला प्रशासन पर बरसते हुए कहा कि जब इस देश में माननीय एनजीटी व सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का अमल ही नहीं हो रहा है तो आमजन के हक व अधिकार की बात तो बहुत दूर रह जाती है। उन्होंने सरकार को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि समय रहते अगर इन आदेशों पर अमल नहीं किया गया तो बहुत भारी खामियाजा हरियाणा सरकार को चुकाना पड़ेगा। हरियाणा सरकार व जिला प्रशासन के खिलाफ में एक बहुत बड़ा आंदोलन नारनौल की सड़कों पर खड़ा किया जाएगा। जिसकी चरणबद्ध रणनीति के तहत गांव-गांव में महापंचायते आयोजित की जा रही हैं। इंजीनियर ने कहा कि भाजपा सरकार, क्षेत्र के लोगों के लिए काल बन चुकी है। पहले तो अग्निवीर योजना लाकर यहां के नौजवानों से सेना में सैनिक बनने का एक स्थायी रोजगार छीन कर उनके पेट पर लात मारने का काम किया, अब उन्ही के सामने खेत-खेत में स्टोन क्रेशरों को खड़ा करके उन्ही नौजवानों को बीमारियां सौंप कर, उनका स्वास्थ्य बिगाड़कर, उन्हें बीमार करने पर उतारू है।
    तेजपाल वर्सेस स्टेट ऑफ हरियाणा की याचिका पर माननीय एनजीटी में जिला प्रशासन व हरियाणा स्वास्थ्य विभाग द्वारा सौंपी गई विगत में एक रिपोर्ट से साफ-साफ पता चलता है कि अकेले महेंद्रगढ़ जिले में वायु प्रदूषण से जनित जानलेवा बीमारियों से 42000 लोग प्रतिवर्ष बीमार पड़ रहे हैं! लोगों में टीबी, दमा, अस्थमा, सिलिकोसिस जैसी बीमारियां तेजी से उत्पन्न हो रही हैं और अगर लोगों का गुस्सा फूटा तो सरकार को भारी खामियाजा भुगतना पड़ सकता है!

    महापंचायत में निर्णय लिया गया कि अब समय समय पर गांव में स्टोन क्रेशरों व पर्यावरण प्रदूषण के खिलाफ में जन जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। कहा गया कि अगर जिला प्रशासन व हरियाणा सरकार ने माननीय एनजीटी व सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अनदेखी करने की कोशिश की और स्टोन क्रेशरों व संबंधित भ्रष्ट अधिकारियों पर कड़ा एक्शन नहीं लिया गया तो योजनाबद्ध तरीके से चरणबद्ध आंदोलन की रणनीति के तहत नारनौल की सड़कों को लोगों से भरा जाएगा। सड़क पर अवैध स्टोन क्रेशरों, हरियाणा सरकार, जनप्रतिनिधियों व पूँजीपतियों के गठजोड़ के खिलाफ इंकलाब लाया जाएगा।
    महापंचायत में जगमाल पूर्व सरपंच, अशोक कैप्टन, लालाराम एक्स पंच, राजेंद्र कैप्टन, राजवीर नंबरदार, छोटे लाल हेडमास्टर, रामबिलास, रवींद्र नंबरदार, प्रताप कंडक्टर,  रंगलाल सूबेदार, लालाराम सूबेदार, अमी लाल हवलदार, मनोज पंच, कृष्ण, रंग्लाल पंच, लालाराम पटवारी, अतर सिंह हवलदार, बनी सिंह नेता जी, रामूतार, कृष्ण सूबेदार, शिवलाल, सत्यवान, होशियार सिंह आदि सैकड़ों गणमान्य लोगों ने भाग लिया।

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