सरकार की ओर से गरीब व बेसहारा परिवारों को उनकी बेटी की शादी के लिए मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के तहत आर्थिक सहायता राशि प्रदान की जा रही है ताकि गरीब व बेसहारा परिवारों के सिर से बेटी की शादी पर होने वाले आर्थिक बोझ को कम किया जा सके। मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना का लाभ पात्र लाभार्थियों को विवाह पंजीकरण करवाने के उपरांत ही दिया जाएगा, जिसके लिए विवाहित जोड़े की शादी का ई-दिशा पोर्टल पर पंजीकरण होना आवश्यक है।
उक्त बातें प्रदेश के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ओमप्रकाश यादव ने अपने आवास पर लोगों की बिजली, पानी व अन्य मूलभूत समस्याएं सुनते हुए कहीं।
मंत्री ओम प्रकाश यादव ने कहा कि जो पात्र लाभार्थी परिवार मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना का लाभ लेना चाहते हैं, वे अपनी बेटी की शादी के 6 महीने पूरे होने से पहले ऑनलाइन पंजीकरण अवश्य करवाएं। पंजीकरण होने के पश्चात ही विवाहित कन्या के माता-पिता को मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के तहत अनुदान दिया जाएगा। अनुसूचित एवं विमुक्त जाति के परिवार का नाम बीपीएल सूची में है तो उसको मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के अंतर्गत 71 हजार रुपए का लाभ मिलेगा। सभी वर्गों की विधवा महिलाएं, बेसहारा महिला, अनाथ बच्चे, बीपीएल सूची में है या उनकी आय एक लाख 80 हजार रुपए से कम है तो उनको इस योजना में 51 हजार रुपए का अनुदान दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि बीपीएल सूची में सामान्य या पिछड़े वर्ग के परिवार को 31 हजार रुपए का अनुदान मिलेगा। इसी तरह अनुसूचित वर्ग या विमुक्त जाति का परिवार बीपीएल सूची में नहीं है और जिनकी वार्षिक आय एक लाख 80 हजार रुपए से कम है, उनको 31 हजार रुपए का अनुदान दिया जाएगा। विवाहित युगल चालीस प्रतिशत या इससे ज्यादा दिव्यांग है तो उन्हें 51 हजार रुपए और पति-पत्नी में से एक जन चालीस प्रतिशत या इससे अधिक दिव्यांग है तो उसको 31 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। मंत्री ओमप्रकाश यादव ने कहा कि मातृशक्ति उधमिता योजना के अंतर्गत महिलाओं को 3 लाख रुपए तक का ऋण उपलब्ध कराया जाता है जोकि सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण की दिशा में बढ़ाया गया कदम है, ताकि महिला आत्मनिर्भर बन उन्नति कर सकें।